दस्तक पखवाड़ा में घर-घर ढूंढे जाएंगे कालाजार के मरीज, 10 से 24 मार्च तक चलेगा अभियान

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कुशीनगर॥ जिले में दस्तक पखवाड़ा में घर-घर जाकर कालाजार के रोगी ढूंढे जाएंगे। पखवाड़े के दौरान गांव-गांव से बुखार के रोगियों को ढूंढ कर उनकी सूची आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बनाएंगी । उस सूची को एएनएम के माध्यम से ब्लॉक मुख्यालय पर भेजेंगी । इस सूची में जिन बुखार के रोगियों में कालाजार के लक्षण होंगे, उनकी कालाजार जांच कराई जाएगी और बीमारी की पुष्टि होने पर निःशुल्क इलाज की सुविधा दी जाएगी।

Kalazar's patients

यह जानकारी जिला मलेरिया अधिकारी आलोक कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी के दिशा-निर्देशन में इस अभियान को चलाया जाएगा। कालाजार रोगियों की खोज के अभियान में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और पाथ संस्थाएं तकनीकी स्तर पर सहयोग करेंगी।

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जिले के सभी सीएचसी और पीएचसी के अधीक्षकों और प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को राज्य स्तर से जूम एप पर कालाजार के प्रति संवेदीकृत किया जा चुका है । इन लोगों द्वारा जनपद की सभी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कालाजार के लक्षणों के बारे में अवगत करा दिया गया है।

उन्होंने बताया कि कालाजार की दृष्टि से कुशीनगर जनपद संवेदनशील है, हालाँकि जिले में वर्ष 2021 में कालाजार के दो केस मिले हैं मगर फिर भी सतर्कता बनी हुई है। निरोधात्मक कार्य जारी है। उन्होंने बताया कि कालाजार बालू मक्खी से फैलने वाली बीमारी है। यह मक्खी नमी वाले स्थानों पर अंधेरे में पाई जाती है। यह तीन से छह फीट ऊंचाई तक ही उड़ पाती है।

इसके काटने के बाद मरीज बीमार हो जाता है। समय से इलाज न मिलने पर 95 फीसदी मामलों में मृत्यु का खतरा रहता है। अगर किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय से बुखार आ रहा हो, पेट में सूजन हो, वजन कम हो रहा हो और भूख में कमी जैसे लक्षण हैं तो वह कालाजार का संभावित मरीज हो सकता है।

कालाजार के संभावित मरीजों को सीएचसी-पीएचसी और जिला अस्पताल भेज कर आरके-39 जांच करवानी है। जांच में कालाजार की पुष्टि होने पर 48 घंटे के भीतर इलाज शुरू कर देना है। चर्म रोग संबंधित कालाजार मरीजों में केस हिस्ट्री पर भी नजर रखनी है। इस कालाजार का प्रमुख लक्षण शरीर में सफेद दाग, चकत्ते और गांठें हैं।

अभियान की तैयारी पूरी

दस्तक पखवाड़े की तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। इस दौरान इंसेफेलाइटिस, टीबी और बुखार के अन्य रोगियों की खोज की जानी है। आयुष्मान भारत योजना के तहत निःशुल्क कार्ड बनाए जाने हैं। दिव्यांग हुए पंद्रह साल तक के बच्चों की सूची बनेगी। जन्म-मृत्यु पंजीकरण से वंचित का पंजीकरण भी किया जाएगा। इस बार कालाजार के रोगियों को ढूंढने पर भी विशेष जोर होगा।

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