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कानपुर, 12 सितम्बर। जनपद समेत कई राज्यों में फैला आईपीएल मैचों में सट्टेबाजी के मकड़जाल को शुक्रवार को कानपुर पुलिस ने कमर तोड़ते हुए छह सटोरियों को पुलिस व स्वाट की टीम ने संयुक्त अभियान चलाते हुए पकड़ा है। अभियुक्तों के कब्जे से नेपाली करेंसी समेत 93 लाख से अधिक की धनराशि बरामद हुई है।

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इसके साथ ही लैपटॉप, सट्टा रजिस्टर, नोट गिनने वाली मशीन व मोबाइल बरामद हुए हैं। खास बात यह है कि टीम को बिकरु कांड के मोस्ट वांटेड विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई का साथी सटोरिया भी पकड़ा गया है।  पुलिस उपमहानिरीक्षक डीआईजी प्रीतिंदर सिंह ने देर शाम वहां पर हर शुक्रवार को जनपद में आईपीएल मैचों की शुरुआत के साथ सक्रिय हुए सट्टेबाजी का भंडाफोड़ किया उन्होंने बताया कि जनपद में नजीराबाद फजलगंज काकादेव थाना क्षेत्र इलाकों में बीते कई दिनों से आईपीएल क्रिकेट मैच सट्टा खिलाई जाने की सूचना मिल रही थी।

वहीँ सूचना के आधार पर पुलिस अधीक्षक दक्षिण दीपक भूकर व पुलिस अधीक्षक पश्चिम डॉक्टर अनिल कुमार के नेतृत्व में तीनों थानों की पुलिस के साथ एसओजी की टीमों को सटोरियों की धरपकड़ के लिए लगाया गया। टीमों ने बेहतर प्रयास करते हुए सटोरियों के पूरे गैंग को पकड़ने का जाल बिछाया और नजीराबाद इलाके में एक दुकान में से चलाए जा रहे सट्टे के गोरखधंधे में लिप्त एक सटोरियों को पकड़ लिया।

ऐप के जरिए बुकिंग कर लगाई जाती भी रकम

डीआईजी डॉ प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि सटोरियों का पूरा जाल कानपुर समेत अन्य राज्यों में भी फैला है। सटोरियों का मास्टरमाइंड सोनू सरदार राजस्थान के जयपुर में रहकर पूरे नेटवर्क को संचालित करता है। पूछताछ में सटोरियों ने बताया कि निश्चित ओवरों में रन, टीमों की हार-जीत पर सट्टा लगाया जाता है। गिरोह के हाईटेक होने का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह लोग आधुनिक व हाईटेक रास्ता अपनाते हुए ऐप के जरिए बुकिंग करते हैं और गिरफ्तार सटोरियों में गुरमीत सिंह के यहां नोट गिनने की मशीन तक लगी है.