उत्तराखंड में कांवड़ मेला स्थगित, कुंभ को लेकर विकास कार्य जारी

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देहरादून॥ उत्तराखंड सरकार ने कोरोना के मद्देनजर इस बार हरिद्वार में श्रावणी कांवड़ मेले को स्थगित करने का निर्णय किया है लेकिन आगामी कुंभ मेले के सफल आयोजन के लिए प्रयासरत है। कुंभ का आयोजन निर्धारित समयावधि में संपन्न हो, इसके लिए सभी अखाड़ों की भी सहमति है।

Madan Kaushik

कैबिनेट मंत्री एवं शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने गुरुवार को यहां सचिवालय मीडिया सेंटर में पत्रकारों को बताया कि कांवड़ के नजरिये से हरिद्वार एक बड़ा आध्यात्मिक केंद्र है। पड़ोसी राज्यों से कांवड़ लेने के लिए यहां तकरीबन तीन-चार करोड़ लोग उस सीमित अवधि के दौरान आते हैं, जिससे बेहिसाब भीड़ होती है।

कोरोना के मद्देनजर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस बारे में पड़ोसी राज्यों यूपी, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की है, जिसमें इस बार कांवड़ के परम्परागत स्वरूप को स्थगित रखने का निर्णय किया गया है। राज्य सरकारें टैंकरों से गंगाजल ले जाने के लिए स्वतंत्र होंगी। उत्तराखंड सरकार भी प्रतीकात्मक रूप में पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को टैंकरों से गंगाजल भेजेगी, श्रद्धा का यह पर्व प्रतीकात्मक रूप से मनाया जा सके।

गंगाजल के लिए हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को उनके समीप के प्रमुख मंदिरों में गंगा जल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। प्रदेश सरकार द्वारा पीतल के बड़े कलशों में हर की पैड़ी से गंगा जल भरकर संबंधित प्रदेशों को उपलब्ध कराया जायेगा।

कुंभ मेला प्रयाग की भांति

उन्होंने बताया कि कुंभ की व्यवस्थाओं के अंतर्गत किए जा रहे स्थाई प्रकृति के कार्यों को निर्धारित अवधि में पूर्ण करने के प्रयास किए जा रहे हैं। हरिद्वार को जोड़ने वाले प्रमुख मार्गों, पुलों आदि के निर्माण, पुनर्निर्माण के कार्य प्रगति पर हैं। राज्य सरकार सभी 13 अखाड़ों को उनके स्तर पर श्रद्धालुओं के लिए की जाने वाली आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु कुंभ मेला प्रयाग की भांति यथासंभव आर्थिक सहयोग दिए जाने पर विचार कर रही है।

इससे अखाड़ों को जन सुविधाओं व मूलभूत सुविधाओं के विकास में सुविधा होगी। जिन अखाड़ों के पास अपनी भूमि उपलब्ध होगी उन्हीं को अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। अखाड़ों के अधीन होने वाले कार्यों के लिये कार्यदायी संस्था का भी निर्धारण शीघ्र किया जायेगा।

शीघ्र निर्णय लिया जायेगा

कुंभ मेले के स्थायी प्रकृति के कार्यों की व्यापक समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री ने नगर विकास मंत्री, सचिव शहरी विकास एवं मेलाधिकारी की समिति गठित की है। समिति द्वारा कार्यों की नियमित समीक्षा की जायेगी। कुंभ के अंतर्गत किये जाने वाले अस्थायी निर्माण कार्यों के सम्बन्ध में भी शीघ्र निर्णय लिया जायेगा।

कैबिनेट मंत्री कौशिक ने बताया कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी छड़ी यात्रा का संचालन किया जायेगा। इसमें सीमित लोगों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। यह यात्रा उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक एकता की प्रतीक है। परम्परानुसार जूना अखाड़े से पवित्र छड़ी यमुनोत्री, गंगोत्री होते हुए केदारनाथ और बदरीनाथ जाती है।

बद्रीनाथ से यह छड़ी कुमाऊं मंडल के विभिन्न तीर्थ स्थलों से होते हुए वापस जूना अखाड़ा हरिद्वार पहुंचेगी और माया देवी मंदिर में प्रतिष्ठित की जाती है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में चूंकि प्रति माह कोई न कोई आयोजन होता रहता है अतः अवस्थापना सुविधाओं के विकास से इसमें सुविधा होगी। हरिद्वार में आयोजित होने वाले विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों व आयोजनों में भले ही सीमित संख्या में श्रद्धालु आयें लेकिन आते जरूर हैं।

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