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भारतीय परंपरा एक बहुत ही समृद्ध परंपरा है। इस परंपरा के अनुसार हिंदु परिवार मे घर मे बने मंदिर को विशेष व महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। यदि बात वैदिक शास्त्र और ज्योतिर्विज्ञान की करे तो इनके मुताबिक जब भी कोई व्यक्ति घर बनाता है तो  उसे घर में मंदिर के लिए अलग से स्थान छोड़नी चाहिए। सनातन धर्म मे यह माना गया है कि कोई भी हिंदू परिवार का घर बिना मंदिर के अधूरा है। ज्योतिर्विज्ञान की माने तो किसी भी घर मे सुख शांति और  समृद्धि बनाये रखने के लिए बहुत जरूरी होता है कि उस घर में देवी देवता की पूजा होती रहे या फिर ईश्वर की साधना होती रहे। इसीलिए घर में एक मंदिर का होना आवश्यक व बहुत महत्वपूर्ण होता है। लेकिन घर के मंदिर मे कुछ ऐसी चीजे है जिनके रखने से आप पर और आपके परिवार के सदस्‍यो पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है इसलिए भूल से भी उन चीजो को अपने घर के मंदिर मे स्थान नही देना चाहिए व रखना चाहिए।

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तो चलिए आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानते है कि आखिर वह कौन सी 3 चीजें हैं जिनको अपने घर के मंदिर मे स्थान देने से घर की सुख शांति और  समृद्धि नष्ट हो सकती हैं।

  1. यदि ज्योतिष शास्त्र, वैदिक शास्त्र और सनातन धर्म की माने तो इनके हिसाब से कभी भी घर के मंदिर में खंडित व टूटी हुई मूर्ति व प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए। माना जाता है कि यदि आप मंदिर मे खंडित व टूटी हुई मूर्ति व प्रतिमा रखती हैं तो आप ऐसा कर के ईश्वर का अपमान करती है। साथ ही साथ मंदिर में खंडित व टूटी हुई मूर्ति व प्रतिमा रहने से घर में अशुभता का प्रभाव बहुत बढ़ता है। इसीलिए यदि आपके घर के मंदिर में यदि कोई खंडित मूर्ति है हो तो उसे तुरंत ही कोई भी जल स्तोत्र जैसे नदी, तालाब या नहर में विसर्जित कर देना चाहिए।

 

  1. ज्योतिष शास्त्र और वैदिक शास्त्र की बात माने तो इनके अनुसार कभी भी घर के मंदिर में भगवान के रौद्र रूप की प्रतिमाएं व मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। सनातन धर्म की माने तो इनके हिसाब से यदि आप अपने घर के मंदिर मे भगवान के रौद्र रूप वाली प्रतिमा या मूर्तियां रखती है तो इसका अर्थ होता है कि देवी-देवता स्वयं ही उस घर पर अपना क्रोध व्यक्त कर रहे हैं। वैदिक शास्त्र मानता है कि किसी भी घर में हमेशा देवी-देवताओं की शांत, प्रसन्न मुद्रा और आशीर्वाद देने वाली ही प्रतिमा व मूर्ति को रखनी चाहिए। जिस से घर मे कलह और तनाव उत्पन्न न हो और घर में बरकत बनी रहें।

 

  1. हिंदू धर्म मे यह हमेशा से माना गया है और ज्योतिर्विज्ञान मे भी इस बात का उल्लेख किया गया है कि घर के मंदिर में कभी भी एक से अधिक देवी-देवता की तस्वीर अथवा मूरति व प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए। ज्योतिष शास्त्र कहता है कि मंदिर में एक से अधिक तस्वीरों को अथवा मूरति व प्रतिमा या मूर्तियों के रहने से घर में नकारात्मकता आती है घर का वातावरण खराब होता है ।घर में अशांति आ जाती है ।इसीलिए घर की सुख-समृद्धि और शांति के लिए किसी भी भगवान की केवल एक ही प्रतिमा रखें और उसका पूजन करें ।

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