img

लखनऊ ।। केजीएमयू के छात्र एक बार फिर एमपी एसटीएफ के रडार पर हैं। हाल में ही हुई छापामारी से छात्रों में हड़कंप है। टीम को फिल वक्त सॉल्वर गैंग से जुड़े रहे एक छात्र की तलाश है।

दरअसल, एमपी के व्यापम घोटाले का केजीएमयू से गहरे तार जुड़े हैं। नौ दिसंबर 2014 को एमपी एसटीएफ ने पहली बार विश्वविद्यालय में छापा मारा था। इसके बाद कई ताबड़तोड़ छापे मारे गए। इस दौरान तमाम छात्र हॉस्टल खाली कर दूर-दराज गांव में रिश्तेदारों के यहां शरण ले ली थी।

वहीं वर्ष 2016 के अंत में टीम फिर सक्रिय हुई। गत दिसंबर के अंतिम सप्ताह में टीम ने केजीएमयू प्रशासन से शक के दायरे में आए कुछ छात्र का ब्योरा तलब किया। इसके बाद एक छात्र का सॉल्वर गैंग से तार जुड़े होने की आंशका पुख्ता हुई। ऐसे में टीम की जनवरी में केजीएमयू कैंपस व हॉस्टल में सक्रियता बढ़ गई।

वहीं हाल के तीन-चार दिन पहले टीम ने छापामारी की। मगर छात्र हाथ नहीं लगा। एसटीएफ की सक्रियता के चलते हॉस्टल के छात्रों में हड़कंप है। कुछ तो हॉस्टल छोड़कर चले गए हैं। वहीं सॉल्वर गैंग से जुड़े छात्र की भी लोकेशन नहीं मिल रही है। मिली जानकारी के मुताबिक संदेह के घेरे में आया छात्र पांच हजार के लालच में परीक्षा देने को तैयार हो गया था। उस समय वह आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहा था, जिसके चलते वह गिरोह के झांसे में आकर साल्वर की भूमिका निभाई। छात्र एमबीबीएस वर्ष 2013 बैच का बताया जा रहा है।

--Advertisement--