गुरुग्राम। हरियाणा में भाजपा सरकार में कृषि (Agriculture) मंत्री जेपी दलाल भी अब किसानों के समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने खुलकर कहा कि मंत्री बाद में हैं पहले किसान (kisan) हैं। इसलिए वे भी किसानों के साथ हैं। यह बात उन्होंने रविवार को गुरुग्राम के स्वर्ण जयंती पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह में पत्रकार वार्ता में कही। साथ ही उन्होंने आंदोलित किसानों से कहा है कि वे अपने मांग पत्र में सतलुज-यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) को भी शामिल करें। यह नजर हरियाणा में खेती सिंचाई के लिए जरूरी है।
हरियाणा के कृषि (
Agriculture) तथा किसान
(kisan) कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने किसान
(kisan) आंदोलन में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों, संगठनों, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन करने वालों से अनुरोध किया है कि वे आंदोलन की मांग में यह लिखवा दें कि हरियाणा के लिए एसवाईएल नहर बननी चाहिए। हरियाणा के किसान
(kisan) के लिए इस वक्त सबसे बड़ा मुद्दा सिंचाई के लिए पानी का है बाकी सारे मुद्दे उसके बाद आते हैं।
किसान (kisan) के नाम पर राजनीति
उन्होंने कहा कि किसान
(kisan) के नाम पर सभी अपनी अपनी राजनीति कर रहे हैं, लेकिन हम किसान
(kisan) के बेटे हैं और किसान
(kisan) हितैषी फैसले लेते रहेंगे। अन्नदाता के सहयोग से उसके हित की बात जो भी करनी होगी, वो करेंगे। उन्होंने कहा कि जहां भी किसान की बात आ जाती है, हर आदमी की भावना किसान से जुड़ी रहती है। हर व्यक्ति कहता है कि वह किसान
(kisan) के साथ है। यहां तक कि मैं भी (कृषि (
Agriculture) मंत्री जेपी दलाल) कहता हूं कि मैं पहले किसान
(kisan) हूं, फिर मंत्री हूं। मैं भी किसान
(kisan) के साथ हूं।
उन्होंने कहा कि दक्षिण हरियाणा के सात-आठ जिलों में हालात ये हैं कि भूमिगत जल स्तर 400 से 800 फुट नीचे चला गया है। कई इलाकों में तो पानी खत्म हो गया है। दलाल ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र लोहारू में कुछ गांवों में तो पीने का पानी भी नहीं बचा है, सिंचाई की तो बात दूर है.
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