जानें उत्तराखंड में कितनी पढ़ती है एमबीबीएस कोर्स की सालाना फीस

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देश में मेडिकल की पढ़ाई करना बहुत महंगा है। स्थिति यह है कि देश के 80 % लोग निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई का खर्च नहीं उठा सकते हैं। देश में मेडिकल की पढ़ाई पर बेतहाशा खर्च को लेकर अक्सर चर्चा होती है।

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इधर रूस के यूक्रेन पर हमले के बीच एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए विदेश जाने वाले छात्रों के जरिये मेडिकल की पढ़ाई के खर्च पर फिर बहस तेज हो गई है। देश में प्राइवेट कॉलेज से मेडिकल पढ़ाई की फीस इतनी ज्यादा है कि यह खर्च एक करोड़ तक पहुंच जाता है। यूक्रेन संकट और महंगी पढ़ाई को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की फीस सरकारी मेडिकल कॉलेजों जितनी करने की सरकार की योजना के बारे में बताया।

पीएम ने कहा कि सरकार ने तय किया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर ही फीस लगेगी। नेशनल मेडिकल कमीशन ने गाइडलाइन तैयार कर ली है। बताया जा रहा है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 50 % सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों जितनी फीस को लेकर एनएमसी की नई गाइडलाइन अगले शैक्षणिक सत्र से लागू होगी। यह फैसला निजी विश्वविद्यालयों के अलावा डीम्ड यूनिवर्सिटीज पर भी लागू होगा।

एमबीबीएस कोर्स करना हो जाएगा आसान

मेडिकल के नए फीस स्ट्रक्चर का लाभ पहले उन छात्रों को दिया जाएगा जिनका एडमिशन सरकारी कोटे की सीट पर होगा। हालांकि यह किसी भी संस्थान की कुल सीटों में से अधिकतम 50 % सीटों की संख्या तक सीमित रहेगा, लेकिन अगर किसी संस्थान में सरकारी कोटे की सीटें वहां की कुल सीटों की 50 % की सीमा से कम है, तो उन छात्रों को भी फायदा मिलेगा जिनका एडमिशन सरकारी कोटे से बाहर लेकिन संस्थान की 50 % सीटों में हुआ है।

इसका निर्धारण मेरिट के आधार पर होगा। यह फैसला वर्तमान संदर्भ में बेहतरीन है। सरकारी कॉलेज में सीमित सीटों के कारण करीब देश के 80 % से अधिक परिवार ऐसे हैं जो अपने बच्चों की मेडिकल पढ़ाई का खर्च नहीं उठा सकते हैं। ऐसे में देश से बच्चे मेडिकल पढ़ाई के लिए रूस, यूक्रेन, बांग्लादेश, नेपाल, स्पेन, जर्मनी जैसे देशों में जाते हैं। इसकी वजह है कि इन देशों में मेडिकल पढ़ाई का खर्च तुलनात्मक रूप से काफी कम है। यूक्रेन जैसे देश में मेडिकल कोर्स में एडमिशन लेना अधिक आसान है। इसके अलावा यदि देश में प्राइवेट कॉलेज से मेडिकल पढ़ाई का खर्च 60 लाख से 80 लाख रुपए के बीच है।

एमबीबीएस कोर्स की सालाना फीस

पंजाब, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स की सालाना फीस क्रमश: 1.8 लाख रुपए, 1.4 लाख रुपए और 1.1 लाख रुपए है। केंद्र सरकार के संस्थानों के अलावा बिहार और पश्चिम बंगाल के सरकारी कॉलेजों में सालाना फीस 6500 से लेकर 9000 रुपए तक है।

भारत में कुल 90 हजार 800 एमबीबीएस सीटों के लिए प्रतिवर्ष करीब 8 लाख छात्र क्वालीफाई करते हैं। इनमें से करीब आधी सीटें ही ऐसी है जिनकी फीस का खर्च अधिक भारतीय परिवार उठा सकते हैं। ऐसे में साफ है कि यदि मेडिकल सीटों को दो गुना या तीन गुना भी बढ़ा दिया जाए तो भी विदेश से मेडिकल की पढ़ाई करना अपने देश की तुलना में सस्ता पड़ेगा।

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