टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ को अच्छे से पता है कि आयु पर आधारित टीमों और इंटरनेशनल टीम की कोचिंग में जमीन आसमान का अंतर है। द्रविड़ हर मुकाबला जीतने एवं आने वाले दिनों के लिए टीम बनाने में संतुलन बनाना करना चाहते हैं।
न्यूजीलैंड के विरूद्ध बीस ओवर वाली सीरीज से पहले द्रविड़ ने माना कि उन्हें काफी समय के लिए रणनीति बनानी होगी मगर फोकस टीम की जीत पर भी रखना होगा।
कोच ने कहा कि भिन्न भिन्न टीमों की कोचिंग एक तरह से नहीं कर सकते। कोचिंग के कुछ नियम कभी नहीं बदलेंगे मगर प्रत्येक टीम की चुनौतियां अलग होती है और आवश्यकताएं अलग होती है।
हेड कोर ने कहा कि आप यह नहीं कह सकते हैं कि अंडर 19 लेवल पर की गई हर बात यहां भी करेंगे। मैं इस प्रकार से नहीं करूंगा। मेरे लिए ये सीखने तथा क्रिकेटरों को परखने का मौका है। राहुल द्रविड़ ने कहा कि जीतना जरूरी है मगर भविष्य के लिए मजबूत टीम तैयार करने पर भी नजर होगी।
राहुल ने कहा कि दोनों का मेलजोल भी अहम है। अभी जीतना है और आने वाले समय (विश्वकप-2023) पर भी नजर रखना है। भविष्य में बड़े टूर्नामेंटों की भी तैयारी करनी है।