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सूरत कोर्ट से सांसद राहुल गांधी को करारा झटका लगा है. कोर्ट ने मानहानि के केस में उन्हें दो बरस की सजा सुनाई है। रूल्स के अंतर्गत सजा दो या दो साल से अधिक होने पर संसद या विधान सभा की सदस्यता छीन ली जाती है। राहुल गांधी को दिया उनका बयान 'सारे चोर मोदी सरनेम वाले ही क्यों होते हैं?'

आपराधिक मानहानि का अपराधी पाया गया है। सन् 2019 में दिए गए इस बयान के लिए कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई है। रूल्स के अनुसार, यदि कोई विधायक या सांसद दो साल की सजा काटकर चला जाता है। फिलहाल मामले में सूरत कोर्ट ने इस मौके पर राहुल गांधी को जमानत दे दी है।

अगर ऐसा हुआ तो नहीं जाएगी सांसदी

सर्वोच्च न्यायालय के दिग्गज वकील अश्विनी उपाध्याय ने बताया, 'जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 के मुताबिक, दो साल या उससे ज्यादा सजा के मामले में सांसद या विधायक की सदस्यता रद्द हो सकती है। इसके साथ साथ सजा काटने के छह साल के दौरान इलेक्शन लड़ने पर भी रोक का प्रावधान है। अगर ऊपरी अदालत दोषी करार दिए जाने पर रोक नहीं लगाती है तो संसद सदस्यता जा सकती है।' उपाध्याय ने कहा कि यदि हाईकोर्ट अपराधी करार देने पर ही रोक लगा दे तो राहुल की सांसदी नहीं जाएगी।

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