अगर युद्ध छिड़ा तो किसको सपोर्ट करेंगे? चीन को या भारत को, चीनी बोले भारत का!

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नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा पर सैनिकों की शहादत के बीच यह जानकर आश्चर्य होगा कि चीनी नागरिक भी भारतीय सैनिकों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। वह भी मां काली के मंदिर में। यह मंदिर है, कोलकाता के टेंगरा के मठेश्वरतला रोड पर। टेंगरा को कोलकाता का चाइना टाउन कहा जाता है। इस शहर में चीनी लोग कुछ सदी पहले आकर बसे थे, लेकिन यह मंदिर करीब छह दशक पहले बना था। इसे बनवाया एक चीनी कारोबारी ने।

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इस मंदिर की स्थापना का भी एक इतिहास है। करीब 60-70 साल पहले, टेंगरा के मठेश्वरतला रोड में, पीपल के एक पेड़ के नीचे स्थानीय लोगों ने काली जी की एक छोटी-सी मूर्ति स्थापित की। पेड़ के नीचे स्थापित देवी की पूजा करने स्थानीय लोग या कहें कि स्थानीय हिंदू आते थे। उनकी देखादेखी, इलाके के चीनी लोग भी धीरे-धीरे पेड़ के नीचे पूजा करने आने लगे। उन्होंने स्थानीय लोगों से सुना कि देवी भक्तों की हर विपदा से रक्षा करती हैं। उनका यह विश्वास समय के साथ बढ़ता गया। बड़ी संख्या में चीनी लोग मां काली के भक्त बन गए। बौद्ध धर्म का अनुयायी होने के बावजूद वे काली पूजा में हिस्सा लेने लगे। ऐसे ही एक भक्त थे फांग चुंग। पहले वह इसी इलाके में रहते थे लेकिन उनका सपना था बड़ा कारोबारी बनने का।

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वह विदेश जाकर रेस्तरां खोलने की मुराद मन में लिए हुए थे। मन की मुराद पूरी हो, इसके लिए उन्होंने पीपल के पेड़ के नीचे वाली मां काली से मन्नत मांगी। कम ही वक्त में फांग चुंग ने कारोबार में बड़ी सफलता पाई। आखिरकार उन्हें विदेश में रेस्तरां खोलने का मौका मिला और वह कोलकाता छोड़कर वहां चले गए चले गए। कारोबार बढ़िया से जमा कर, पांच साल बाद फांग चुंग वापस आए तो मां काली के पास पहुंचे। उन्होंने आभार प्रकट किया पक्का मंदिर बनवा कर। मां काली और शिव की नई मूर्तियां भी बनवाईं। तभी से इस चीनी मंदिर में जोड़ा काली मूर्तियां रखी हैं और मंदिर का नाम पड़ गया चाइनीज काली मंदिर। नाम भले ही चाइनीज काली मंदिर हो लेकिन यहां पूजा-पाठ पूरी तरह से हिंदू रीति-रिवाज से होता है।

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अन्य हिंदू मंदिरों की तरह यहां भी फूल, बेलपत्र, फल, मिठाई वगैरह चढ़ाए जाते हैं। मंदिर में एक ब्राह्मण पुजारी भी हैं, जो रोज सुबह-शाम पूजा करते हैं। साल के बाकी दिन तो सामान्य ढंग से ही पूजा होती है लेकिन फलहारिणी काली पूजा जैसे मौकों पर विशेष आयोजन होते हैं। सबसे बड़ा आयोजन होता है, कार्तिक महीने में होने वाली काली पूजा पर। उस दौरान सिर्फ स्थानीय लोग नहीं, बल्कि दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं। अभी के तनाव भरे माहौल में कई लोग हैं जो चाइनीज काली मंदिर के सामने चीनी लोगों से अजीब-अजीब सवाल करते हैं। जैसे, अगर युद्ध छिड़ा तो किसको सपोर्ट करेंगे? चीन को या भारत को? इस बीच ये चीनी लोग मुस्कुराते हुए भारत का समर्थन करते हैं और मंदिर में भारतीय सैनिकों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।

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