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उत्तराखंड देवभूमि के नाम से तो विश्वभर में जाना जाता है। मगर शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रदेश देवभूमि ने अपनी छाप विश्व में छोड़ी हुई है। आज देश विदेश से लोग इस देवभूमि में योग और आयुर्वेद की शिक्षा लेने आते हैं। इनके अलावा संस्कृत भाषा भी सीखते हैं। वहीं अब संस्कृत भाषा (Sanskrit language) को बढ़ावा देने के लिए धामी सरकार ने एक नई पहल की है। जिसमें प्रदेश के संस्कृत निदेशालय ने प्रदेश के 13 शहरों में 13 आदर्श संस्कृत ग्राम बनाने का टारगेट रखा गया है।

जिसके लिए चमोली जनपद के डिम्मर गांव को आदर्श संस्कृत ग्राम के रूप में सिलेक्ट किया गया है। गांव में औरतों से लेकर बच्चों और बुजुर्गों को संस्कृत भाषा का ज्ञान दिया जाएगा। इसके लिए गांव में एक संस्कृत प्रशिक्षित व्यक्ति का चयन किया जाएगा जो गांव के लोगों को संस्कृत में बोलना बताया जाएगा। इसके लिए उसे 12 हजार रुपए महीना मानदेय भी दिया जाएगा।

शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा, सहायक निदेशक, देहरादून डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने कहा कि, आदर्श संस्कृत ग्राम बनाना सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। इसके अंतर्गत डिम्मर गांव के सारे लोगों को संस्कृत भाषा बोलने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। गांव के लोगों को सरल रूप में संस्कृत सिखाई जाएगी। 

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