Up kiran,Digital Desk : अगर आप गाड़ी या बाइक चलाते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। आजकल साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं, और उनका सबसे नया हथियार है 'ट्रैफिक चालान' के नाम पर भेजा गया एक फर्जी SMS। यह मैसेज इतना असली लगता है कि कोई भी आसानी से धोखा खा सकता है और अपनी मेहनत की कमाई गंवा सकता है।
कैसे काम करता है यह 'चालान' फ्रॉड?
साइबर क्राइम विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक, विजय कुमार सिंह ने बताया कि ये ठग बहुत चालाकी से लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। समझिए, यह पूरा खेल कैसे काम करता है:
- आपको एक SMS आता है: यह SMS किसी सरकारी नंबर से नहीं, बल्कि एक अनजान प्राइवेट नंबर से आता है।
- SMS में होती है धमकी: इसमें कुछ इस तरह लिखा होता है - "Reminder: Outstanding traffic violation fine. Pay immediately to prevent extra penalties or further legal action." (याद रखें: आपका ट्रैफिक चालान बाकी है। अतिरिक्त जुर्माने या कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए तुरंत भुगतान करें।) यह पढ़कर कोई भी घबरा सकता है।
- असली खेल है 'लिंक': इस SMS में भुगतान करने के लिए एक लिंक दिया होता है। यहीं से धोखाधड़ी का असली खेल शुरू होता है।
- एक क्लिक और खाता खाली: जैसे ही कोई व्यक्ति घबराहट में इस लिंक पर क्लिक करता है, वह एक नकली वेबसाइट पर पहुंच जाता है जो बिल्कुल असली सरकारी वेबसाइट की तरह दिखती है। जैसे ही आप यहां भुगतान करने के लिए अपनी बैंकिंग जानकारी (UPI पिन, कार्ड डिटेल्स या नेटबैंकिंग पासवर्ड) डालते हैं, ठग उसे चुरा लेते हैं और आपका बैंक खाता खाली कर देते हैं।
कैसे पहचानें असली और नकली का फर्क?
- वेबसाइट का पता (Domain Name) ध्यान से देखें: ठग सरकारी वेबसाइटों से मिलते-जुलते नाम इस्तेमाल करते हैं। जैसे:
- नकली: govt.in या inc.in
- असली: gov.in या nic.in
एक छोटी सी स्पेलिंग की गलती पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
- अचानक दिखने वाले मैसेज से बचें: अगर किसी वेबसाइट पर अचानक कोई पॉप-अप आता है जिसमें तुरंत पेमेंट करने या किसी स्कीम का फायदा उठाने के लिए क्लिक करने को कहा जाए, तो यह फ्रॉड होने का बड़ा संकेत है।
इस धोखाधड़ी से बचने के लिए क्या करें?
- किसी भी अनजान नंबर से आए SMS में दिए गए लिंक पर कभी भी क्लिक न करें।
- अपना बैंकिंग पासवर्ड, OTP, कार्ड नंबर या CVV जैसी कोई भी गोपनीय जानकारी किसी से भी साझा न करें।
- अगर चालान को लेकर कोई शक है, तो दिए गए लिंक पर क्लिक करने के बजाय सरकार की ऑफिशियल 'Parivahan' वेबसाइट पर जाकर अपनी गाड़ी का नंबर डालकर खुद चेक करें।
- संदिग्ध मैसेज में दिए गए किसी भी अनजान नंबर पर कॉल बैक करने की गलती न करें।
अगर आप हो गए हैं धोखाधड़ी का शिकार, तो तुरंत करें ये काम
साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुरंत कॉल करें।
- आप साइबर हेल्प डेस्क नंबर 9256001930 या 9257510100 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
- ऑनलाइन शिकायत के लिए सरकारी पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज कराएं।
- आप अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर पुलिस स्टेशन में भी जाकर रिपोर्ट कर सकते हैं।
याद रखें, साइबर फ्रॉड से बचने का सबसे बड़ा हथियार जागरूकता है। इस जानकारी को खुद भी समझें और अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ भी साझा करें।
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