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पड़ोसी नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड 23 तारीख को चीन की आधिकारिक दौरे पर जा रहे हैं। प्रचंड 7 दिनों तक चीन में रहेंगे और इस दौरान वह चीन के प्रेसिडेंट जिनपिंग समेत कई अहम नेताओं से मुलाकात करेंगे. प्रचंड के साथ उनकी बेटी गंगा और विदेश मंत्री एनपी सउद सहित कई सीनियर मंत्री भी होंगे। प्रचंड की चीन यात्रा से पहले भारत और नेपाल ने बिजली पर एक बड़े समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं. भारत और नेपाल के अधिकारी दोनों मुल्कों के बीच बिजली का व्यापार बढ़ाने पर सहमत हुए हैं और इसके लिए कई ट्रांसमिशन कॉरिडोर खोले जाएंगे।

काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त तकनीकी समिति की 14वीं बैठक में धालकेबार-मुजफ्फरपुर ट्रांसमिशन लाइन के माध्यम से बिजली व्यापार बढ़ाने पर सहमति बनी। इसके अलावा बिजली व्यापार को गति देने के लिए सीमा पार बिजली लाइनों के निर्माण में तेजी लाने पर भी सहमति बनी है। इस समझौते के अनुसार, ढालकेबार-मुजफ्फरपुर ट्रांसमिशन लाइन के जरिए क्षमता 800 मेगावाट से बढ़ाकर 1000 मेगावाट करने पर सहमति बनी है.

दोनों देश नौतरवा-मैनैया लाइन को अक्टूबर तक पूरा करने पर सहमत हुए हैं। इसका उपयोग बिजली के आयात और निर्यात के लिए किया जा सकता है। भारत के साथ इस ताजा समझौते से नेपाल अपने बिजली निर्यात को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. नेपाल के पीएम प्रचंड की नई दिल्ली यात्रा के दौरान भारत सरकार ने अगले 10 वर्षों में नेपाल से 10,000 मेगावाट बिजली खरीदने का वादा किया था।

नेपाल में चीन के राजदूत ने हाल ही में भारत के साथ नेपाल के बढ़ते रिश्तों पर नाराजगी जताई थी. चीन को हिंदुस्तान और नेपाल की दोस्ती पसंद नहीं है और इसलिए वह देश को भड़काने की कोशिश कर रहा है। इतना ही नहीं, चीन ने नेपाल और अमेरिका के बीच एमसीसी समझौते पर भी आपत्ति जताई है और माना जा रहा है कि शी जिनपिंग और प्रचंड के मध्य होने वाली बातचीत में यह मुद्दा उठ सकता है।

 

 

 

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