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नई दिल्ली, 26 मार्च। छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड में मदरसा शिक्षकों (Madrasa Teachers) का वेतन चार साल से बकाया है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग इसे लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखने की तैयारी में है। एनसीएम (National Commission for Minorities) की सदस्य सैयद शहजादी ने बताया कि उन्होंने अल्पसंख्यकों की जमीनी स्थिति जानने के लिए इन राज्यों का भी दौरा किया।

Madrasa teachers

शहजादी ने कहा, इन राज्यों में यह बात सामने आई है कि मदरसा के शिक्षकों (Madrasa Teachers) को चार साल के वेतन से वंचित रखा गया है। हमने पाया है कि 2018 तक के उनके भुगतान को जारी करने के संबंध में शिक्षा मंत्रालय को एक पत्र भेजा गया है। टीचर्स को उनका बकाया वेतन जल्द दिलाने के लिए हमने उन्हें फिर से पत्र लिखने का फैसला किया है

एनसीएम (National Commission for Minorities) सदस्य ने कहा कि अगर उनके कल्याण की कोई मांग अधूरी छोड़ दी जाती है, तो हम इसके लिए सरकार को रेगुलर रिमाइंडर भेजते हैं।

वहीं, यूपी के रामपुर में केंद्र सरकार ने मदरसा टीचर्स (Madrasa Teachers)को थोड़ी राहत दी है। करीब 200 टीचर्स का मानदेय जारी किया गया है। उनके खातों में पैसा भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिले में 100 से ज्यादा मदरसे आधुनिकीकरण योजना में शामिल हैं।

मदरसों में आधुनिक शिक्षा के लिए टीचर तैनात हैं। लेकिन टीचर्स को करीब 53 महीने से मानदेय नहीं मिला है। लिहाजा मदरसों में आधुनिक शिक्षा दम तोड़ने लगी है। टीचर काफी समय से मानदेय की मांग कर रहे हैं। केंद्र ने जिले के 74 मदरसों के करीब 200 टीचर्स का 2021-22 का केंद्रांश के 60 लाख रुपये जारी किए हैं।

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