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महराजगंज। सदर ब्लाॅक क्षेत्र में निवासी करीब 26 वर्षीय परमवीर( काल्पनिक नाम) ने 18 माह नियमित दवा खाकर एक्सटेंसिव ड्रग रेजिस्टेंस (एक्सडीआर) टीबी की मात दी। अब वह , टीबी चैंपियन बनकर अन्य टीबी रोगियों को नियमित दवा खाने, बिना चिकित्सक की सलाह के दवा बंद न करने तथा पौष्टिक आहार लेते रहने की सलाह दे रहे हैं। टीबी से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं। टीबी चैंपियन परमवीर ने बताया कि अगस्त 2020 में वह सर्दी, जुकाम और खांसी से परेशान थे। गांव के आसपास की दुकानों तथा निजी चिकित्सकों से इलाज करा रहे थे, लेकिन फायदा नहीं हो रहा था और वजन लगातार घटता जा रहा था। (Maharajganj)

अक्टूबर 2020 में क्षय रोग विभाग की टीम उनके गांव में समुदाय की बैठक की। उसी बैठक में टीम ने लक्षण देखकर परमवीर को जांच कराकर दवा कराने की सलाह दी। विभाग के वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक विवेक पांडेय ने 17 अक्टूबर 2020 को परमवीर की नि:शुल्क बलगम की जांच कराई तो प्रारंभिक टीबी की पुष्टि हुई। उसी दिन से दवा भी शुरू कर दी गयी। एसटीएस विवेक पांडेय ने बताया कि इलाज के दौरान ही सीबीनाॅट मशीन से भी परमवीर की जांच कराई गयी तो 21 अक्टूबर 2020 की रिपोर्ट में ड्रग रेजिस्टेंस ( डीआर) टीबी की पुष्टि हुई। फिर दवा बदल दी गयी। (Maharajganj)

इलाज के दौरान ही मरीज की सेकेंड लाइन लिक्विड प्रोफाइल एसेस( एलपीए) की जांच सेंपल भेज कर बनारस से कराई गयी। 23 मार्च 2021की रिपोर्ट में एक्सडीआर टीबी की पुष्टि हुई। इस रिपोर्ट के बाद फिर दवा बदली गयी। 23 मार्च 2021 से जब एक्सडीआर टीबी की दवा शुरू की गयी तो परमवीर ने दवा का नियमित तौर पर 20 सितम्बर 2022 (18 माह) माह तक सेवन किया। पौष्टिक आहार भी लेते रहे। अब परमवीर पूरी तरह से ठीक हैं। अब वह टीबी चैंपियन बनकर अन्य टीबी रोगियों को जागरूक करने में जुटे हैं। (Maharajganj)

फरेन्दा क्षेत्र के एक गाँव के निवासी छांगुर(20) ( काल्पनिक नाम) के भाई ने बताया कि टीबी चैंपियन परमवीर द्वारा नियमित दवा और पौष्टिक आहार लेते रहने की सलाह दी जाती है। वह बताते है कि इलाज के दौरान निक्षय पोषण योजना के तहत प्रति माह पांच सौ रुपये भी मिलेंगे। टीबी होने पर मरीज को इधर उधर नहीं भटकना चाहिए। सरकारी अस्पताल से ही जांच और इलाज कराना चाहिए। जांच और इलाज दोनों निःशुल्क होता है।

निक्षय मित्र बन टीबी रोगियों को लें गोद

राजकीय टीबी क्लीनिक के डीईओ संदीप शुक्ला ने संस्थाओं और गणमान्य लोगों से कहा है कि निक्षय मित्र बन कर टीबी रोगियों को गोद लें और मानसिक संबल प्रदान करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच है कि देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाया जाएं। इसके लिए समय-समय पर कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। शत प्रतिशत टीबी रोगियों को चिन्हित कर उनका इलाज कराया जाता है। उन्होंने बताया कि जिले में 1866 टीबी रोगियों का इलाज चल रहा है। वर्ष 2022 में अब तक 907 रोगियों को गोद लिया जा चुका है। शेष टीबी रोगियों को गोद लेने के लिए लोग आग आएं, ताकि प्रधानमंत्री का सपना साकार हो सके। (Maharajganj)

2167 टीबी रोगियों को 48.38 लाख का हुआ भुगतान

राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्वयक हरिशंकर त्रिपाठी ने बताया कि वर्ष 2022 में 2690 रोगियों के सापेक्ष 2167 रोगियों को निक्षय पोषण योजना के तहत 48.38 लाख का भुगतान उनके खाते में किया जा चुका है। (Maharajganj)

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