ममता ने खुद स्वीकारा भ्रष्टाचार, अब पद पर बने रहने का अधिकार नहीं : विजयवर्गीय

img

कोलकाता, 07 जुलाई । मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा अम्फन की सभी पीड़ितों को मदद नहीं मिलने की स्वीकृति के बाद भाजपा मुख्यमंत्री पर हमलावार हो गयी है। भाजपा के महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ममता ने खुद स्वीकार किया है कि भ्रष्टाचार हुआ है, तो ऐसी स्थिति में क्या उन्हें सरकार में बने रहने का अधिकार है? वह अगर मुख्यमंत्री से पद से इस्तीफा नहीं देती हैं, तो आने वाले चुनाव में जनता उन्हें हटा देगी।

वहीँ उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने सोमवार को स्वीकार किया था कि जल्दबाजी में सभी पीड़ित को अम्फन की मदद नहीं मिल पायी है, लेकिन सभी को मदद दी जायेगी। मदद नहीं मिलने के आरोप के तहत विभिन्न जिलों में प्रदर्शन हो रहे हैं और तृणमूल भ्रष्टाचार में लिप्त नेताओं के खिलाफ कार्रवाई भी कर रही है।

उन्होंने कहा कि हम शुरू से कह रहे हैं कि राज्य सरकार न तो कोरोना को रोकने में सफल हुई है और न ही अम्फन से पीड़ित लोगों तक प्रधानमंत्री द्वारा भेजी गयी राशि ईमानदारी से पहुंचा पायी है।तृणमूल के लोग दोनों ही स्थानों पर चाहे कोरोना की लड़ाई हो या फिर तूफान से प्रभावित लोगों की देखरेख का मामला हो, तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सिर्फ अपनी चिंता की है और अपने कार्यकर्ताओं की चिंता की है। सरकारी पैसे का भ्रष्टाचार के माध्यम से अपने कार्यकर्ताओं का पॉकेट भरा है।

उन्होंने कहा कि पीड़ित लोग आज भी मारे-मारे फिर रहे हैं। इसलिए हमने प्रधानमंत्री से कहा था कि राज्य सरकार को पैसा देने से ममता जी इस पैसे का दुरुपयोग करेंगी। उनके कार्यकर्ता दुरुपयोग करेंगे और वास्तविक पीड़ित व्यक्ति के पास पैसा नहीं पहुंचेगा। जो हमने कहा था, वह बिल्कुल साफ दिखायी दे रहा है।

Related News