1 जून 2020 से बदल जाएंगे राशन कार्ड से जुड़े कई रूल्स, अब करना होगा इन चीजों का पालन

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नई दिल्ली॥ सोमवार (एक जून-2020) से 20 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में महत्वाकांक्षी राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी सेवा ‘One nation one ration card’ को अमल में आ जाएगी। एक राष्ट्र-एक राशनकार्ड स्कीम इस समय बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

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आपको बता दें कि उच्चतम न्यायालय भी मोदी सरकार से कह चुका है कि वह ‘One nation one ration card’ स्कीम अपनाने की सम्भावना पर विचार करे। ताकि कोविड-19 संकट की वजह से देश में लागू लॉकडाउन के दौरान पलायन करने वाले कामगारों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को बहुत सस्ते दाम पर अनाज मिल सके। आइये आपको बताते हैं राशन कार्ड से जुड़ी सभी जरूरी बातें।

मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि अब तक 17 राज्यों और केंद्रशासित राज्यों को जोड़ा जा चुका है और ओडिशा, मिजोरम एवं नागालैंड जैसे 3 और राज्य भी तैयार हो रहे हैं। कुल 20 प्रदेश/केन्द्र शासित राज्य एक जून से राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी के शुभारंभ के लिए तैयार होंगे। तो वहीं पूरी तरह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।

आधार कार्ड से होगी पहचान

इस स्कीम के अंतर्गत PDS के लाभार्थियों की पहचान उनके आधार कार्ड पर इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (PoS) डिवाइस से की जाएगी। इस योजना को पूरे देश में लागू करने के लिए सभी PDS दुकानों पर POS मशीनें लगाई जाएंगी। जैसे-जैसे राज्य PDS दुकानों पर 100 फीसदी POS मशीन की रिपोर्ट देंगे, वैसे-वैसे उन्हें ‘एक राष्ट्र-एक राशनकार्ड’ स्कीम में शामिल किया जाएगा।

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पुराने कार्ड से कही भी मिलेगा राशन

इस स्कीम के लागू होने के बाद लाभार्थी देश के किसी भी हिस्से में किसी भी राशन डीलर से अपने कार्ड पर राशन ले सकेंगे। उन्हें न तो पुराना राशन कार्ड सरेंडर करना होगा और न ही नए जगह पर राशन कार्ड बनवाना पड़ेगा। मानक राशन कार्ड दो भाषाओं में जारी करें। एक स्थानीय भाषा के साथ ही इसमें दूसरी भाषा हिन्दी अथवा अंग्रेजी का प्रयोग करें।

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