लखनऊ।। मायावती लोकसभा की तैयारियों में जुटी हुई है और इसी क्रम में उन्होंने लोकसभा चुनाव
के लिए, संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए, पार्टी में बड़ा परिवर्तन किया गया है। बैठक में स्पष्ट
निर्देश दिये गयें हैं कि दलितों के साथ ही सर्वसमाज को भी बीएसपी के साथ जोड़ना होगा।
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जिलों के पदाधिकारियों की एक बैठक, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी शमशुद्दीन राइन की अध्यक्षता मे
हुई। शमशुद्दीन राइन ने संगठन मे हुये नये परिवर्तन की जानकारी दी। बैठक मे बताया गया कि बसपा
प्रमुख मायावती के आदेशानुसार, लोकसभा चुनाव के लिए संगठन को तैयार करने के लिए जिला प्रभारियों
का पद खत्म कर दिया गया है। अब तक हर जिले में कई जिला प्रभारी थे। हर जिला प्रभारी को एक-एक
विधानसभा क्षेत्र पर ध्यान लगाकर काम करने का जिम्मा था।
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नयी व्यवस्था के अनुसार, अब जिला प्रभारी का पद समाप्त कर मंडल-कोर्डिनेटरों की तादाद बढ़ाकर उनको एक-एक विधानसभा क्षेत्र पर लगाया जाएगा। उनके सुपरविजन के लिए 2 मंडल कॉर्डिनेटर जायेंगे। साथ ही दो से तीन मंडल कॉर्डिनेटरों की टीम बनाकर एक-एक जिले में भी काम करने का जिम्मा रहेगा।
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बैठक में निर्देश दिए गए हैं कि दलितों के साथ ही सर्वसमाज को भी पार्टी के साथ जोड़ा जाये। भाईचारा कमेटियों का गठन कर हर समाज के लोगों को जोड़ने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। खासतौर पर मुसलमान, ब्राह्मण और अतिपिछड़े वर्ग पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिये गयें हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी शमशुद्दीन राइन की अध्यक्षता मे मेरठ मे हुई इस बैठक मे, 9 जिलों के पदाधिकारी शामिल हुये।
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