मायावती ने ‘डिटेन्शन सेन्टर’ बनाने का किया विरोध, जानें क्यों

img

उत्तर प्रदेश॥ बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने गाजियाबाद में उनकी सरकार के दौरान निर्मित अम्बेडकर छात्रावास को अवैध विदेशियों के लिए डिटेन्शन सेन्टर के रूप में तब्दील करने का विरोध किया है। मायावती ने इसे दलित विरोधी करार देते हुए सरकार से यह फैसला वापस लेने की मांग की है।

mayawati

बसपा अध्यक्ष ने गुरुवार को ट्वीट किया कि गाजियाबाद में बसपा सरकार द्वारा निर्मित बहुमंजिला डॉ. अम्बेडकर एससी-एसटी छात्र हास्टल को ‘अवैध विदेशियों’ के लिए उत्तर प्रदेश के पहले डिटेन्शन सेन्टर के रूप में तब्दील करना अति-दुःखद व अति-निन्दनीय। यह सरकार की दलित-विरोधी कार्यशैली का एक और प्रमाण। सरकार इसे वापस ले बसपा की यह मांग है।

दरअसल वर्ष 2011 में गाजियाबाद के नंदग्राम में एससी-एसटी छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग दो अम्बेडकर छात्रावास बनाए गए थे। पिछले कई साल से छात्राओं वाला छात्रावास बंद है। देखरेख नहीं होने के कारण इसकी इमारत जर्जर हो चुकी थी। छात्राओं वाले छात्रावास को डिटेंशन सेंटर बनाने के लिए केंद्र सरकार से बजट जारी हुआ था।

अब नंदग्राम में उत्तर प्रदेश का पहला डिटेंशन सेंटर बनकर तैयार हो गया है। पिछले एक साल से इसमें काम चल रहा था। इसमें उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को रखा जाएगा। नियमानुसार द फॉरेनर्स एक्ट, पासपोर्ट एक्ट का उल्लंघन करने वाले विदेशी नागरिकों को तब तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है, जब तक कि उनका प्रत्यर्पण न हो जाए।

अधिकारियों के मुताबिक यह डिटेंशन सेंटर ओपन जेल की तरह होगा। यहां सिर्फ अवैध रूप से रह रहे विदेशियों को ही रखा जाएगा। सेंटर में एक कैदी को सभी मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी। सेंटर का काम पूरा हो गया है। यह पुलिस विभाग को हस्तांतरित भी कर दिया गया है। अक्टूबर से इसकी शुरुआत हो सकती है।

 

Related News