बढ़ानी पड़ेगी मेडिकल की सीटें-37% आरक्षण से बदलेगा नामांकन का गणित

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केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय ने संयुक्त रूप से ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर तथा इडब्ल्यूएस को देश की सबसे बड़ी अखिल भारतीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी व पीजी सीट्स में क्रमशः 27 प्रतिशत तथा 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की है. इस घोषणा के बाद से केंद्रीय कोटे की 15 प्रतिशत सीटों की संख्या को भी बढ़ाने की बात हो रही है.

मेडिकल की सीट

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है कि जिस अनुसार से आरक्षण दिया जायेगा, उस अनुसार से सीटों की संख्या आरक्षण के तय प्रतिशत से दोगुनी बढ़ानी होगी.एक मेडिकल इंस्टीट्यूट के मैनेजिंग डायरेक्टर बिपिन सिंह कहते हैं कि वर्ष 2009 में जब उच्च शिक्षण संस्थानों में ओबीसी रिजर्वेशन लागू किया गया था, तो उसी अनुपात में गैर-आरक्षित सीटों में भी इजाफा किया गया था, ताकि जनरल सीटों का प्रतिशत कम नहीं हो.

इसलिए, ओबीसी आरक्षण लागू करने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों ने अपने यहां सीटों में 50 प्रतिशत का इजाफा कर दिया था. इसी तरह, इडब्ल्यूएस कैटेगरी को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए भी शैक्षिक संस्थानों को 20 प्रतिशत सीटें बढ़ानी पड़ी थीं.

इस लिहाज से तय माना जा रहा है कि मेडिकल-डेंटल कॉलेजों में ऑल इंडिया कोटे की सीटों पर ओबीसी-इडब्ल्यूएस कैटेगरी को कुल 37% (27+10) आरक्षण देने के लिए पर्याप्त संख्या में सीटें बढ़ायी जायेंगी, ताकि यूजी-पीजी कोर्स में प्रवेश लेने वाले सामान्य व अन्य श्रेणी के स्टूडेंट्स की संख्या कम नहीं पड़े.

इस आरक्षण के बाद ओबीसी एनसीएल केंडिडेट्स को एमबीबीएस में 1500 सीट तथा एमडी/एमएस में 2500 सीट पर आरक्षण का लाभ होगा. इसी तरह इडब्ल्यूएस कैंडिडेट्स को एमबीबीएस की 500 सीट पर तथा पीजी की करीब 1000 सीटों पर आरक्षण का लाभ देय होगा. यह आरक्षण अखिल भारतीय स्तर पर है, स्टेट द्वारा दिया गया आरक्षण अलग है.

वर्तमान में देश में 558 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 289 राजकीय व 269 निजी क्षेत्र के शामिल हैं. इन कॉलेजों की 84649 एमबीबीएस की सीटों के लिए नीट यूजी 12 सितंबर को आयोजित की जा रही है. 54275 सीट के लिए नीट पीजी परीक्षा 11 सितंबर को होगी.

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