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Up Kiran, Digital Desk: अयोध्या के सरयू तट पर स्थित कोरिया की रानी हो का पार्क, अब भारतीय और विदेशी पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करेगा। इस पार्क को इस वर्ष के अंत तक पर्यटकों के लिए पूरी तरह से खोलने का लक्ष्य रखा गया है। पार्क के पहले चरण में 24 से 26 दिसंबर तक ‘इंडो-कोरियन क्रिसमस फेस्टिवल’ आयोजित किया जाएगा, जिसमें कोरिया और भारत की सांस्कृतिक धरोहरों का मिलाजुला रूप देखने को मिलेगा। साथ ही, अस्थायी निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है, जिसमें कोरियन विलेज और कोरियन मंदिर का निर्माण शामिल है।

कोरिया और अयोध्या का ऐतिहासिक संबंध

यह पार्क भारत और कोरिया के प्राचीन रिश्तों का प्रतीक है। अयोध्या की राजकुमारी सूरी रत्ना, दो हजार साल पहले समुद्र मार्ग से कोरिया के ग्योंगसांग प्रांत पहुंची थीं और वहां के राजा किम सुरों से विवाह किया था। उन्हें वहां रानी हो के नाम से जाना जाता है और उनके वंशज हर साल अयोध्या के सरयू तट पर आकर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इस पार्क के निर्माण में दोनों देशों की सरकारों का सहयोग प्राप्त हुआ है, और यह सांस्कृतिक संवाद का एक मजबूत माध्यम बनकर उभरा है।

निर्माण कार्य और नए आकर्षण

वर्तमान में, पार्क परिसर में कई नए निर्माण कार्य चल रहे हैं। पार्क में एक कोरियन विलेज और कोरियन मंदिर का निर्माण होगा, जो कोरिया के संस्कृति प्रेमियों और विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे। वेंडर कंपनी के एमडी राहुल शर्मा ने बताया कि इन अस्थायी निर्माण परियोजनाओं के लिए दो साल के इंतजार के बाद अब निर्माण कार्य शुरू हो पाया है। इसके साथ ही, अयोध्या के मंडलीय कमिश्नर राजेश कुमार और मेयर महंत गिरीश पति त्रिपाठी की मदद से बिजली की समस्या का भी समाधान कर लिया गया है।

कोरियन विलेज की विशेषताएँ

पार्क में विकसित होने वाले कोरियन विलेज की खासियत यह होगी कि यह जगह कोरिया की पारंपरिक संस्कृति का अनुभव प्रदान करेगी। पार्क में 1000 वर्ग फुट में 6 कोरियन हट, 2 प्रार्थना हॉल और एक कोरियन मंदिर अस्थायी रूप से बनाए जाएंगे। यहां आने वाले विदेशी पर्यटकों को कोरियन संस्कृति के करीब से देखने का अवसर मिलेगा। वंदना शर्मा, रानी हो पार्क की प्रमुख समन्वयक, ने बताया कि यह कोरियन विलेज भारतीय और कोरियाई व्यंजनों, रेस्टोरेंट्स और गेम जोन से सुसज्जित होगा।

रानी हो की 10 फुट ऊंची प्रतिमा

पार्क में रानी हो की 10 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस प्रतिमा को कोरिया सरकार ने भेजा है, और इसे पार्क के विशेष स्थानों पर रखा जाएगा। इसके अलावा, कोरिया के विभिन्न देवताओं और महापुरुषों की मूर्तियों को भी पार्क में प्रदर्शित किया जाएगा। कोरिया से विशेषज्ञों की टीम भी इस पार्क का निरीक्षण करने आ सकती है, जिससे इस ऐतिहासिक स्थल की विश्वसनीयता और आकर्षण में वृद्धि होगी।