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लाहौर॥ पाकिस्ता’न ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के बयान की निंदा की है, जिसमें उन्होंने घाटी में युवाओं को कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने के लिए शिविर चलाने का सुझाव दिया था।

रायसीना डायलॉग 2020 को संबोधित करते हुए जनरल रावत ने पाकिस्ता’न का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा था कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों को आतंक निरोधक संस्था एएफटीएफ की काली सूची में डालने तथा कूटनीतिक रूप से अलग थलग करने की जरूरत है। जनरल रावत ने कहा था कि घाटी में 10 और 12 साल के लड़के-लड़कियों को कट्टरपंथी बनाया जा रहा है, जो चिंता का विषय है।

इन लोगों को धीरे-धीरे कट्टरपंथ से अलग किया जा सकता है। हालांकि,वे लोग भी हैं जो पूरी तरह कट्टरपंथी हो चुके हैं। इन लोगों को अलग से कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर में ले जाने की आवश्यकता है। जनरल रावत के बयान की निंदा करते हुए पाकिस्ता’न के विदेश विभाग ने कहा,यह टिप्पणी चरमपंथी मानसिकता और दिवालिया सोच को दर्शाती है जो स्पष्ट रूप से हिंदुस्तान के राजकीय संस्थानों में फैल चुकी है।’’

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