मोदी सरकार ने तकरीबन 130 करोड़ नागरिकों को कोरोना की वैक्सीन देने के लिए पचास हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। सरकार ने अंदाजा लगाया है कि एक नागरिक को इंजेक्शन देने के लिए लगभग 385 रुपये खर्च होंगे। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। सूत्रों के हवाले से बताया है कि यह रकम इस वित्त वर्ष के लॉस्ट यानी 31 मार्च तक के लिए तय की गई है।
मोदी सरकार का अनुमान है कि हर नागिरक को कोरोना के 2 इंजेक्शन देने होंगे। एक इंजेक्शन पर लगभग 150 रुपए की लागत आएगी। इसके अलावा बाकी स्टोरेज, ट्रांसपोर्टेशन आदि मिलाकर एक इंसान को कोरोना टीके के दो इंजेक्शन देने पर लगभग 385 रुपये खर्च होंगे।
सरकार की एक समिति का मानना है कि हिंदुस्तान में वायरस का पीक वक्त जा चुका है और फरवरी 2021 तक ये कंट्रोल में आ जाएगा। गौरतलब है कि वायरस की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान पहुंचा है। जून तिमाही में देश की जीडीपी में लगभग 24% की जबरदस्त गिरावट आई थी।
विश्व के कई मुल्कों में कोरोना के कई टीकों का ट्रायल चल रहा है। इंडिया में भी सीरम इंस्टीट्यूट और डॉ। रेड्डीज लेबोरेटरीज के द्वारा कोविड-19 के टीके का ट्रायल हो रहा है और अगले साल की शुरुआत में इंजेक्शन मार्केट में आने की उम्मीद है।