जनधन खातों में ट्रांसफर किए गए रुपयों को मोदी सरकार लेगी वापस, जानिए इसके पीछे का सच

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नई दिल्ली ।। प्रधानमंत्री जन धन योजना (संक्षेप में – पीएमजेडीवाई) हिंदुस्तान में वित्तीय समावेशन पर राष्‍ट्रीय मिशन है और जिसका उद्देश्‍य देश भर में सभी परिवारों को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराना और हर परिवार का बैंक खाता खोलना है। इस योजना की घोषणा 15 अगस्त 2014 को तथा इसका शुभारंभ 28 अगस्त 2014 को पीएम मोदी ने किया।

कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच सरकार गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत जनधन खाताधारकों के अकाउंट में अगलते तीन महीने तक पैसे डाले जा रहे है। अभी तक करोड़ों लोगों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए जा चुके हैं जिसके बाद बैंकों में खाताधारकों की भीड़ देखने को मिल रही है। दरअसल लोगों के बीच अफवाह फैल गई है कि इन पैसों को नहीं निकाला गया तो सरकार पैसा वापस ले लेगी।

खाताधारकों ने बताया कि सुनने में आ रहा है यदि ये रुपए अभी नहीं निकलवाए तो वापस काट लिए जाएंगे, इसलिए अपने रुपए निकलवाने बैंक में पहुंच रहे हैं। इन्हीं अफवाह को दूर करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक ने ग्राहकों को सूचित किया है कि उनके खातों से पैसा किसी भी सूरत में वापस नहीं लिया जाएगा ऐसे में वह कभी भी सरकार की तरफ से भेजे रहे पैसों की निकासी कर सकते हैं। खाताधारक अपनी जरुरत के हिसाब से यह पैसा निकाल सकते हैं। बैंक ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर यह जानकारी साझा की है।

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बता दें कि कई बैंकों में लोगों की भीड़ तो दिखी ही साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं किया गया। अबतक 20 करोड़ से ज्यादा महिला खाताधारकों के खाते में 500 रुपए जमा कर दिए गए हैं। वहीं गरीब बुजुर्गों, गरीब विधवाओं और गरीब दिव्यांगों के खाते में तीन माह के लिए सहयोग राशि भेजी जा रही है।

मार्च के आखिरी सप्ताह में ही सरकार ने Corona से निपटने के लिए हुए लॉकडाउन से प्रभावित गरीबों के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था। इसके अंतर्गत महिलाओं के जन धन योजना के अंतर्गत खुले 20.4 करोड़ खाताधारकों को यह मदद दी जा रही है।

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