अभी कोरोना का खतरा गया भी नहीं कि दूसरी महामारी ने अपने पैर फैलाना शुरू कर दिए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने दक्षिण-पूर्व एशिया में महामारी के लिए मॉडरेट रिस्क का लेवल तय किया है, लेकिन इस रीजन की डायरेक्टर डॉ. पूनम खेत्रपाल का मानना है कि सावधानी से इस Monkeypox को रोका जा सकता है। (Monkeypox Alert)
भारत में भी Monkeypox के कई शिकार मिल चुके हैं जो चिंता का कारण बनी हुई है। भारत की राजधानी दिल्ली और केरला में मंकीपॉक्स के कई केस मिल चुके है विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रीजनल डायरेक्टर ने मंकीपॉक्स को लेकर एक बड़ी चेतावनी दी है। (Monkeypox Alert)
WHO का मानना है कि पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया रीजन में मंकीपॉक्स मॉडरेट रिस्क (बढ़ता हुआ खतरा) लेवल पर है। भारत भी इसी रीजन में आता है WHO ने इस आकलन में यह बात ध्यान में रखी है कि जब मंकीपॉक्स के मरीज और क्लस्टर्स बहुत सारे देशों में एकसाथ दर्ज किए गए हैं और जियोग्राफिकल एरिया में असमान तरीके से फैले हुए हैं। (Monkeypox Alert)
डॉ. खेत्रपाल ने यह भी कहा कि महामारी से होने वाली मौत का आंकड़ा बेहद कम रहा है। जीनोम स्टडी में सामने आया है कि मंकीपॉक्स के वायरस ने हालिया सालों में अपने अंदर बेहद बदलाव किया है। इसलिए महामारी की जीनोम स्टडी में सामने आया है कि मंकीपॉक्स के वायरस ने हालिया सालों में अपने अंदर बेहद बदलाव किया है। महामारी के मौजूदा फैलाव को समझने के लिए WHO नियमित रूप से अपनी लैब और अन्य एक्सपर्ट ग्रुप्स को उपलब्ध हो रहे डाटा की समीक्षा कर रहा है। (Monkeypox Alert)
जब डॉ. खेत्रपाल से सलाह मांगी गई कि भारत में इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए क्या करना चाहिए तो उन्होंने कुछ सुझाव दिए, जो निम्न प्रकार हैं-
WHO की माने तो सतर्क रहने और त्वरित प्रतिक्रिया वाली तैयारियां करने की जरूरत है ताकि मंकीपॉक्स को फैलने से रोका जा सकें। डॉ. खेत्रपालने कहा ऐसे में सर्विलांस सिस्टम को मजबूत बनाए रखना बहुत आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि इस बार महामारी का असर पूरी दुनिया में हुआ है, दूर-दूर तक के एरिया में महामारी का फैलना सर्विलांस सिस्टम की खामी को बता रहा है। अतः सावधानी रखकर इस महामारी से बचा जा सकता है। (Monkeypox Alert)
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