मोदी सरकार ने लिया सबसे अहम फैसला, देश भर में दूरी होगी वैक्सीन की किल्लत

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भारत में टीके की किल्लत दूर करने के लिए मोदी सरकार ने अहम फैसला लिया है। स्वेदशी वैक्सीन तैयार कर रही मैसर्स बायोलॉजिकल-ई के साथ केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने करार किया है।

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हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल ई से मोदी सरकार टीके की 30 करोड़ डोज की खरीद करेगी जिसके लिए कंपनी को 1500 करोड़ रुपये का एडवांस पेमेंट भी किया जाएगा। गुरुवार को जारी स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में कहा गया इन टीकों को अगस्त-दिसंबर 2021 से मेसर्स बायोलॉजिकल-ई द्वारा उत्पादन और स्टोर किया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय 1500 करोड़ रुपये की एडवांस पेमेंट करेगा।

बयान में कहा गया है कि मैसर्स बायोलॉजिकल-ई के साथ की गई यह डील भारत सरकार के उस व्यापक प्रयास का हिस्सा है,जिसमें सरकार स्वदेशी वैक्सीन निर्माताओं को अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) में मदद करती है और पैसे देकर प्रोत्साहित करती है। इसके लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने न सिर्फ 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की वित्तीय सहायता दी है। बल्कि फरीदाबाद में मौजूद अपने रिसर्च इंस्टीट्यूट ट्रांसलेशन हेल्थ साइंस टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट के जरिए रिसर्चर और चुनौतियों में भी बायलोजिकल-ई के साथ भागीदारी की है।

मंत्रालय के अनुसार, सहायता भारत सरकार के “मिशन कोविड सुरक्षा- भारतीय कोविड-19 वैक्सीन विकास मिशन” का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य एक सुरक्षित, प्रभावशाली और सुलभ कोरोना वैक्सीन लाना है।

चल रहा है फेस तीन का ट्रायल

ज्ञात करा दें कि बता दें कि फेज-1 और फेज-2 के क्लीनिकल ट्रायल में पॉजिटिव नतीजे दिखने के बाद बायोलॉजिकल-ई की कोरोना वैक्सीन के फेज-3 का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। यह एक आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है और उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ महीनों में यह उपलब्ध हो जाएगी।

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