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Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली के उस बंद कक्ष में नकद की गड्डियां इस हद तक फैली हुई थीं कि सीबीआई के अनुभवी अधिकारियों की भी आंखें खुली रह गईं। अलमारियां खोली गईं तो कपड़े कम और गुलाबी मुद्रा के बंडल अधिक थे। स्थिति यह थी कि छापेमारी करने गई टीम नोट गिनते-गिनते थक गई, लेकिन खजाना समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा था। देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली वर्दी के नीचे भ्रष्टाचार का इतना भयंकर रूप छुपा होगा, इसकी कल्पना शायद ही किसी ने की थी। सवा दो करोड़ रुपये नकद, दुबई से जुड़े संबंध और पति-पत्नी दोनों ही कर्नल रैंक के अधिकारी। यह केवल एक घूस का मामला नहीं बल्कि विश्वास का कत्ल है। जब रक्षक ही करोड़ों के लालच में भक्षक बन जाए तो पूरे तंत्र की नींव हिल जाती है। सीबीआई की इस कार्रवाई ने रक्षा क्षेत्र में हलचल मचा दी।

दुबई कनेक्शन और घूस का नेटवर्क

इस चौंकाने वाली घटना की शुरुआत 19 दिसंबर 2025 को हुई। सीबीआई को सूचना मिली थी कि रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग में तैनात डिप्टी प्लानिंग अधिकारी, लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा हैं। आश्चर्यजनक बात यह है कि इस खेल में उनकी पत्नी कर्नल काजल बाली का नाम भी एफआईआर में दर्ज है, जो खुद राजस्थान के श्रीगंगानगर में कमांडिंग अधिकारी (CO) हैं। आरोप है कि दुबई की एक कंपनी के इशारे पर घूस का यह पूरा नेटवर्क काम कर रहा था।

नोट गिनने की मशीनें गर्म हो गईं

जब सीबीआई की टीम दिल्ली स्थित दीपक शर्मा के आवास पर पहुंची तो वहां का दृश्य किसी फिल्मी सीन जैसा था। घर के कोनों से कुल 2.23 करोड़ रुपये की नकदी मिली। नोटों की गिनती के लिए लाई गई मशीनें भी गर्म हो गईं और अधिकारियों को घंटों तक पसीना बहाना पड़ा। श्रीगंगानगर से भी 10 लाख रुपये नकद और कई संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए गए हैं। यह बड़ी रकम बता रही है कि यह षड्यंत्र काफी समय से चल रहा था।