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जैविक खाद बेचकर समूह की महिलाओं ने की लाखों कमा रही हैं। सरकार की महत्वकांक्षी गोधन न्याय योजना के शुरू होने से ग्रामीण अंचलों में रोजगार के नए रास्ते, खुले गोठान में गोबर विक्रय, वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट निमाण सहित अन्य आर्थिक गतिविधियों से जुड़कर महिलाओं के साथ साथ ग्रामीण पशुपालक भी आर्थिक संपन्नता की ओर बढ़ रहे हैं। अब ये महिलाएं घर की आर्थिक भागीदारी में भी अपना पूरा योगदान दे रहीं हैं।

बिलासपुर जिला के विकासखंड मस्तूरी के ग्राम पंचायत खड़कपुर में स्व सहायता समूह की महिलाओं को गौठान की आर्थिक गतिविधियों से जुड़कर लाभ मिल रहा है। गौठान में वर्मी खाद, सुपर कम्पोस्ट, केचुआ उत्पादन का कार्य समूह द्वारा किया जा रहा है। जिससे अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है।

प्राप्त आय का उपयोग अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने में यह महिलाएं कर रही हैं। विशेष तौर पर महिलाएं स्वसहायता समूह के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण के साथ ही स्वालंबन की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। खाद जैविक खेती की दिशा में आगे बढ़ रहे किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प है। ग्राम पंचायत ठाकुर में संचालित मां गायत्री स्वसहायता समूह की अध्यक्ष विभूति कौशिक ने बताया कि उनके द्वारा 753 क्विंटल वर्मी खाद और 370 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट खाद की बिक्री की जा चुकी है। इससे उन्हें लगभग ₹2,50,000 का लाभांश प्राप्त हुआ। छात्रावास से उन्होंने अपने घर को मरम्मत कराने का कार्य करवाया।

पालक लतेल पुरी गोस्वामी द्वारा ₹10,000 का गोबर बिक्री की गई। रामकुंवर पटेल ने अपनी खुशी जाहिर करते बताया कि अब तक उन्होंने ₹35000 का गोबर बेच लिया है। ग्रामीण किसान कृषि विस्तार अधिकारी प्रियंका कश्यप का कहना है समय समय पर मार्गदर्शन मिलता रहता है तो इन ग्रामीणों को भी मार्गदर्शन करते हैं। 

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