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एक तरफ इजराइल ने लाखों भारतीय मजदूरों को डेढ़ से दो लाख की सैलरी देकर युद्धग्रस्त इलाकों में इमारतें और सड़क बनाने के लिए ले जाया है, वहीं रूस ने वहां धमकाना शुरू कर दिया है। यह बात सामने आई है कि रूस भारतीय युवाओं को नौकरी का लालच देकर यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए भर्ती कर रहा है।

यूक्रेन बॉर्डर पर फंसे तेलंगाना के एक और कर्नाटक के कलबुर्गी के तीन लोगों ने एसओएस संदेश भेजकर बचाव की गुहार लगाई है। इन युवाओं ने सेना में नौकरी दिलाने के इस फर्जी रैकेट से बचाने की मांग की है।

एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार से एजेंटों द्वारा अगवा किए गए इन 12 युवाओं को वापस लाने की मांग की है। इन युवकों को विदेश में नौकरी दिलाने की बात कहकर रूस ले जाया गया है। वहां उन्हें यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए मजबूर किया गया है।

तेलंगाना के नारायणपेट जिले के रहने वाले मोहम्मद सुफियान ने अपने परिवार को एक वीडियो भेजा है। कृपया हमें बचाएं। उन्होंने कहा कि हम बड़ी धोखाधड़ी के शिकार हैं। सूफियान रूसी सेना की वर्दी में नजर आ रहे हैं। उन्हें दिसंबर 2023 में सैन्य सुरक्षा सहायक के तौर पर रूस भेजा गया था। लेकिन हकीकत में उसे युद्ध लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

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