नेपाल की मीडिया ने केपी ओली को दी चेतावनी, कहा- भारत के साथ ऐसा करना कहीं महंगा न पड़ जाए

img

देहरादून॥ नेपाल की पाकिस्तान जैसी हरकतों को देख यहां की मीडिया और विशेषज्ञों की राय है कि प्रधानमंत्री केपी ओली चीन की शह पर हिंदुस्तान से मतभेद मोल ले रहे हैं। देश के विशेषज्ञों और वरिष्ठ पत्रकारों ने रविवार को पीएम को चेतावनी दी कि देश के नेतृत्व में मतभेद और राष्ट्रवाद के नाम पर ‘सस्ती लोकप्रियता’ नेपाल को बर्बादी के रास्ते पर धकेल सकता है। उन्होंने कहा कि सीमा विवाद के स्थाई समाधान के लिए नेपाल व हिंदुस्तान को वार्तालाप के लिए आगे आना चाहिए।

Nepal CHINA

नेपाल के सत्ताधारी और विपक्षी राजनीतिक दलों ने शनिवार को नए विवादित नक्शे को शामिल करते हुए सरकारी विधेयक के पक्ष में वोटिंग। इसके अंतर्गत हिंदुस्तान के उत्तराखंड में स्थित लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाली क्षेत्र में दिखाया गया है। हिंदुस्तान ने इसका सख्त विरोध किया है और इसे स्वीकार करने योग्य नहीं बताया। हिंदुस्तान ने स्पष्ट किया है कि बिना विश्वास का माहौल बने फिलहाल ये कोई ऑप्शन नहीं है।

सीनियर पत्रकार और आर्थिक दैनिक के संपादक प्रह्लाद रिजल के अनुसार नेपाल द्वारा कालापानी को शामिल करते हुए नक्शे को फिर से तैयार करना और प्रतिनिधि सदन द्वारा उसे अनुमोदित करना राष्ट्रवाद के नाम पर के पी ओली सरकार की ‘सस्ती लोकप्रियता’ है। इसके परिणाम भारी पड़ सकते हैं।

पढि़ए-इन मुल्कों से युद्ध में हार चुका है CHINA, अब हिंदुस्तान से मारखाने की बारी

रिजल ने बताया कि ओली सरकार के कदम से हिंदुस्तान और नेपाल के बीच विवाद खड़ा हो गया है। ये महंगा साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने के लिए उन्हें बीजिंग से संकेत मिले हैं। उन्होंने नेपाल के राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य में चीन की बढ़ती भूमिका को लेकर भी सवाल उठाए हैं।

Related News