निर्भया केस: अपराधियों को अलग-अलग या एक साथ फांसी पर अदालत में अब इस तारीख को होगी सुनवाई, 3 मार्च को नहीं हो सकती॰॰॰

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नई दिल्ली॥ निर्भया कांड की सुनवाई अब अदालत में चल रही है। गुनहगारों को भिन्न-भिन्न फांसी हो या एक साथ फांसी हो को लेकर अदालत में आज सुनवाई हुई। केंद्र की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 5 मार्च तक के लिए सुनवाई टाल दी है। ऐसे में ये प्रश्न फिर खड़ा हो गया है कि क्या 3 मार्च को अपराधियों को फांसी की जो तिथि है, वह हो पाएगी या नहीं। बता दें कि तीन अपराधियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं और चौथा दोषी पवन अपने विकल्प प्रय़ोग करने नहीं चाहता ।

मोदी सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि चारों अपराधी साजिश के अंतर्गत एक के बाद एक अपने अपने कानूनी विकल्पों के प्रयोग कर रहे हैं। चारों अपराधी कानून के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। मंगलवार को जज आर भानुमति, जज अशोक भूषण और जज ए एस बोपन्ना की पीठ ने सुबह 10.30 बजे इस मामले की सुनवाई की।

दरअसल, जज भानुमति की छुट्टी पर होने के कारण बीते सप्ताह इस मामले पर सुनवाई नहीं हो पाई थी। इस मामले में शीर्ष कोर्ट चारों अपराधियों को नोटिस जारी कर चुका है। सरकार ने अदालत से गुहार लगाई है कि जिन दोषियों के कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके हैं, उन्हें फांसी दी जाए। इससे पहले, हाईकोर्ट ने अपने फैसला सुनाया था कि चारों अपराधियों को साथ ही फांसी दी जाएगी। कोर्ट ने दोषियों को सभी उपलब्ध विकल्प प्रयोग करने को एक सप्ताह की मोहलत दी थी।

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