नई दिल्ली॥ JDU ने मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के विरूद्ध CAA और NPR पर निरंतर पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयान देने वाले पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और महासचिव पवन वर्मा को बाहर कर दिया है। JDU ने कहा है पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के बाद दोनों को बाहर करने का फैसला किया गया है।
JDU प्रमुख ने प्रशान्त किशोर और पवन को लेकर मीडिया के प्रश्न पर बताया था कि जिसे पार्टी की नीति रास नहीं आ रही, वे जहां जाना चाहें जाएं। गत 15 जनवरी को भी सीएम नीतीश कुमार ऐसा ही बयान दे चुके हैं। वहीं, प्रशान्त किशोर ने कहा था कि नीतीश कुमार गलतबयानी कर रहे थे।
JDU से निकाले जाने के बाद पवन वर्मा ने मीडिया को बताया कि पार्टी की सोच अलग है और जबकि नागरिकता कानून नीतीश की विचारधारा अलग है। नागरिकता कानून और एनआरसी के मुद्दे पर पवन वर्मा निरंतर सीएम नीतीश के विरूद्ध बोल रहे थे। सीएम नीतीश ने साफ कह दिया था कि जिसको पार्टी में रहना है रहे नहीं तो जाए। उसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि सीएम नीतीश बहुत जल्द कुछ बड़ा फैसला कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री आवास 1, अणे मार्ग में इस बैठक से पहले प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह के बयान के भी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। मीडिया से उन्होंने कहा कि महागठबंधन के समय पीके जदयू की जरूरत थे। लेकिन अब उनकी कोई उपयोगिता नहीं है। आज की बैठक में पीके और पवन की आवश्यकता नहीं है। पार्टी के प्रमुख नेता- आरसीपी सिंह और ललन सिंह समेत अन्य कई नेता भी इन दोनों के विरूद्ध कड़े बयान दे चुके हैं। गौरतलब है कि जदयू के पदाधिकारियों, सांसद-विधायकों समेत अन्य प्रमुख नेताओं की बैठक इस वर्ष होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर काफी अहम है।