Up kiran,Digital Desk : दोस्तों, अगर आप नोएडा में रहते हैं और अपने फ्लैट पर बैंक से लोन लेने की सोच रहे हैं या उसे बेचने का प्लान बना रहे हैं, तो जरा ठहरिए। नोएडा के कई सेक्टरों में इन दिनों 'धारा-10' (Section 10) के नोटिस का खौफ फैला हुआ है। सेक्टर-34 में रहने वाले राहुल शर्मा के साथ जो हुआ, वो आपके साथ भी हो सकता है।
राहुल जी बैंक से लोन लेना चाहते थे, सब कुछ ठीक था, लेकिन ऐन वक्त पर उनकी फाइल अटक गई। वजह? उनके फ्लैट में किया गया कुछ 'एक्स्ट्रा कंस्ट्रक्शन'। अब यह सिर्फ एक राहुल की कहानी नहीं है, बल्कि शहर के करीब 700 से ज्यादा परिवार इसी मुसीबत में फंस गए हैं।
आइये, आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर यह पूरा मामला है क्या।
लोन लेने गए तो पता चला 'फ्लैट में गड़बड़ है'
जब भी आप बैंक से लोन लेते हैं, तो बैंक आपसे अथॉरिटी की 'मॉर्गेज परमिशन' (Mortgage Permission) मांगता है। राहुल शर्मा ने जब इसके लिए नोएडा अथॉरिटी में अर्जी दी, तो वहां से जवाब आया- "आपके फ्लैट में अवैध निर्माण है, मंजूरी नहीं मिलेगी।"
सीधा मतलब यह है कि अगर आपने अपने फ्लैट या मकान में नक्शे से अलग हटकर कोई निर्माण किया है (जैसे छज्जा बढ़ा लेना, एक्स्ट्रा कमरा निकालना), तो आपको धारा-10 का नोटिस थमा दिया जाएगा।
700 लोगों को मिला नोटिस, क्या हैं इसके मायने?
नोएडा अथॉरिटी ने अब तक 700 से ज्यादा आबंटियों (Allottees) को यह नोटिस भेजा है।
- दिक्कत क्या होगी: जब तक यह नोटिस है, आप न तो अपना फ्लैट किसी और को बेच सकते हैं और न ही उस पर बैंक से लोन ले सकते हैं।
- उपाय: अथॉरिटी साफ कहती है कि या तो अवैध हिस्सा खुद तोड़ दें या फिर एनओसी (NOC) लेकर आएं।
यह समस्या खास तौर पर उन सोसाइटियों में ज्यादा है जो खुद नोएडा अथॉरिटी ने बसाई थीं। इनमें सेक्टर-12, 22, 34, 71 की रिहायशी कॉलोनियां और सेक्टर-28, 29, 37 की ग्रुप हाउसिंग शामिल हैं। यहाँ करीब 5,000 फ्लैट्स हैं।
क्या घर टूटेगा या कोई रास्ता निकलेगा?
अब सबसे बड़ा सवाल- क्या लोगों को अपना घर तोड़ना पड़ेगा? फिलहाल तो पेंच फंसा हुआ है। लेकिन थोड़ी राहत की उम्मीद भी है। नोएडा विधायक पंकज सिंह ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री से बात की है। कोशिश की जा रही है कि दिल्ली की तर्ज पर 'जुर्माना' (Penalty) लेकर इन छोटे-मोटे निर्माणों को नियमित (Regularize) कर दिया जाए।
नई पॉलिसी बनने की तैयारी
अथॉरिटी के अधिकारी भी मान रहे हैं कि इतने सारे फ्लैट्स पर कार्रवाई करना मुश्किल है। इसलिए एक 'मसौदा' (Draft) तैयार किया जा रहा है।
- इसमें धारा-10 के नोटिस का जवाब और नियमों (By-laws) को देखा जा रहा है।
- प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। अगर हरी झंडी मिली, तो शायद कुछ पैसा देकर आपके निर्माण को लीगल मान लिया जाएगा।
वहीँ, 'फोनरवा' (RWA फेडरेशन) ने मांग की है कि जब तक कोई ठोस फैसला न हो, तब तक लोगों को परेशान न किया जाए। अब देखना यह है कि शासन इस पर क्या फैसला लेता है, लेकिन तब तक 700 परिवारों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं।
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