
भारत-चीन के बीच चल रहे विवाद अभी थम नहीं रहा है, ऐसे में भारत अपनी रणनीति बनाने में जुटा हुआ है. वहीँ सीमा विवाद को लेकर एलएसी पर चल रहे टकराव के बीच भारत ने हिंद महासागर में भी चीन की घेराबंदी तेज कर दी है। इस सिलसिले में भारत और जापान के बीच बुधवार को हुए ऐतिहासिक रक्षा समझौते को बेहद अहम माना जा रहा है।
आपको बता दें कि इसके तहत दोनों देश एक-दूसरे के सशस्त्र बलों को आपूर्ति एवं सेवाओं का आदान-प्रदान करेंगे। समझौते के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जापानी समकक्ष से फोन पर बातचीत भी की। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार जापान के साथ सशस्त्र बलों को परस्पर सेवाएं मुहैया कराने को लेकर इस प्रकार का समझौता पहली बार हुआ है।
हालांकि, दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंध पहले से हैं, लेकिन चीन से मौजूदा टकराव के बीच हुए इस समझौते को हिंद महासागर में चीन की घेराबंदी के लिहाज से अहम माना जा रहा है। इस समझौते से हिंद महासागर में भारत को रणनीतिक बढ़त मिलने की संभावना व्यक्त की गई है।