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कनाडा में अंजान लोगों द्वारा मारा गया खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हिंदुस्तान में रहकर भी आतंकी गतिविधियों में शामिल था। 1996 में वह भागकर कनाडा चला गया। भारतीय एजेंसियों ने निज्जर का डोजियर तैयार कर लिया है। इसमें कहा गया है कि वह 1980 से ही आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त था।

नकली पासपोर्ट के सहारे वह कनाडा गया और वहां लो प्रोफाइल में ट्रक ड्राइवर या फिर प्लंबर बन कर रहने लगा। हथियारों की ट्रेनिंग लेने के लिए वह पाकिस्तान भी गया।

1996 में ही कनाडा भाग गया था निज्जर

कनाडा में रहते हुए उसने पंजाब में कई आक्रमण और हत्याएं करवाई थीं। निज्जर जालंधर के घासीपुरा गांव का रहने वाला था। 80 के दशक में वह खालिस्तान कमांडो फोर्स के साथ काम करता था। वही दो हज़ार 12 में निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स के जगतार सिंह तारा के संपर्क में आया। कई मर्डर के मामलों में नाम आने की वजह से निज्जर 1996 में ही कनाडा भाग गया था। कनाडा जाने के बाद से ही उसका संपर्क पाकिस्तान के खालिस्तानी संस्था के चीफ जगतार से हुआ।

2012 में बैसाखी जत्था के सदस्य बन कर वह पाकिस्तान गया और वहां पूरी आतंकी ट्रेनिंग ली। जगतार सिंह तारा के साथ मिलकर जो पंजाब में आतंकी हमले कराने की साजिश रची, उसके गैंग में मनदीप सिंह धालीवाल, सरबजीत सिंह, अनूप, बीर सिंह और दर्शनसिंह उर्फ फौजी शामिल थे। 

डोजियर में कहा गया है कि ब्रिटिश कोलंबिया में इन सभी को हथियारों की ट्रेनिंग दी गई। 2014 में निज्जर ने सिरसा के डेरा सच्चा सौदा में भी आक्रमण करवाने की साजिश रची, मगर वे हिंदुस्तान नहीं पहुंच पाया। उसने अपने मॉड्यूल को पूर्व डीजीपी मोहम्मद इजहार आलम और शिवसेना नेता इशांत शर्मा पर हमला करने को कहा। पंजाब के गैंगस्टर अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अष्टाना के साथ भी निज्जर ने काम किया।

कनाडा में बैठे बैठे पंजाब में फैलाना चाहता था आतंक

सब मिलाकर वह कनाडा में बैठे बैठे ही अपना आतंक पंजाब में फैलाना चाहता था। 18 जून को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में हरदीप की हत्या कर दी गई। अब कनाडा के पीएम ट्रूडो भारत पर आतंकी हरदीप सिंह की हत्या का इल्जाम लगा रहे हैं। भारत ने इन सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। वही कनाडा की करतूतों का मुंहतोड़ जवाब भी दिया है। भारत ने कनाडा के राजनायिक को निष्कासित करने के बाद वीजा सुविधाएं भी निलंबित कर दी है।

 

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