नई दिल्ली। कोरियाई प्रायद्वीपीय देश उत्तर कोरिया को लेकर कई तरह की खबरें एक के बाद एक सामने आती जा रही हैं। वहीं दक्षिण कोरिया को हम हर तरह से संपन्न, विकसित व खुली सोच वाला देश मानते आ रहें हैं। लेकिन, क्या आपको मालूम है की महिलाओं को लेकर सामने आई एक खबर आपको भी अपनी सोच को बदलने को मजबूर कर सकती है।
दरअसल, आपको बतादें की महिलाओं से जुड़ी जिन बातों को हम केवल विकासशील या पिछड़े मुल्कों की बता कर पल्ला झाड़ लेते थे उसका असर अब काफी दूर तक होता नजर आ रहा है। जी हां आपको बता दें कि ज्यादातर विकासशील और गरीब देशों में पुरुष प्रधान समाज दिखता नजर आ रहा है।
महिलाओं के हक की वहां पर बातें तो होती हैं लेकिन उनकी जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है। ऐसा ही कुछ दक्षिण कोरिया में भी देखने को मिला है। यहां पर महिलाएं शादी इसलिए नहीं करना चाहती हैं क्योंकि शादी के बाद उन पर पुरुष अपनी सोच को थोप देते हैं। उनसे जो अपेक्षाएं की जाती हैं उनमें पुरुष समाज ये भूल जाता है कि महिला आखिर क्या चाहती है।
वहीं आपको यह भी बता दें की आंकड़ो दक्षिण कोरिया में इस तरह की सोच को लेकर शादी या पुरुषों से संबंध बनाने को लेकर न कहने वाली महिलाओं की संख्या लगातार बढती जा रही है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक दक्षिण कोरिया की महिलाएं अब कट्टरपंथी नारीवादी आंदोलन ‘4 बी’ या ‘फोर नोस’ (4B/four nos) के साथ आगे बढ़ रही हैं।
इसका अर्थ चार चीजों पर उनका सीधा इनकार है। इनमें से पहला है डेटिंग से इनकार, दूसरा है यौन संबंध बनाने से इनकार, तीसरा शादी से इनकार और चौथा बच्चे पैदा करने से इनकार। दक्षिण कोरिया महिलाओं में शादी को लेकर पनप रही सोच पर बीते वर्ष एक सर्वे भी हुआ था।
कोरिया इंस्टिट्यूट फॉर हैल्थ एंड सोशल अफेयर्स ने इसी वर्ष जनवरी में इस सर्वे की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया था। इसके मुताबिक 20-44 वर्ष की आयु के करीब 40 फीसद लोग डेटिंग में इन्वॉल्व पाए गए। लेकिन यह आंकड़ा शादी के मामले में काफी अलग था।
इसके मुताबिक 25-29 वर्ष की आयु वाले पुरुष और महिलाएं करीब 90 फीसद गैर शादीशुदा पाए गए। वहीं 30-34 वर्ष की आयु वाले पुरुष और महिलाओं में ये करीब 56 फीसद और 40-45 की उम्र में ये 33 फीसद तक पाया गया। वर्तमान की यदि बात करें तो अब इस मुहिम से जुड़ने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।