(लखनऊ में ली आखिरी सांस)
उत्तर प्रदेश के भाजपा के कद्दावर नेता रहे और पूर्व राज्यपाल दिवंगत लालजी टंडन के पुत्र और पूर्व मंत्री आशुतोष टंडन का 63 साल की आयु में आज लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया । आशुतोष टंडन उर्फ गोपालजी लखनऊ शहर ईस्ट से विधायक थे और लंबे समय से कैंसर से ग्रसित होने के चलते लखनऊ के मेदांता में उनका उपचार चल रहा था। गुरुवार को मेदांता हॉस्पिटल में ही इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीएम योगी आदित्यनाथ उनका हालचाल जानने मेदांता अस्पताल आए थे।
श्री टंडन को योगी सरकार के पहले कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। उनके पास शहरी विकास, रोजगार और गरीबी उन्मूलन जैसे बड़े मंत्रालय थे। 2022 विधानसभा चुनाव में वह तीसरी बार विधायक बने थे। आशुतोष टंडन के निधन के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर शोक जाहिर किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और लखनऊ पूर्व के विधायक आशुतोष टंडन उर्फ ‘गोपालजी’ के निधन से मुझे गहरा दुःख हुआ। उनका राजनीतिक जीवन लखनऊ वासियों की सेवा में समर्पित था। पार्टी को मज़बूती देने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राजनाथ सिंह ने आगे लिखा, लखनऊ और प्रदेश के विकास के लिए, उनके द्वारा किए गए कार्य हमेशा याद रखे जाएंगे। दुःख की इस घड़ी में उनके शोकाकुल परिवार के प्रति मैं अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूँ। ओम शान्ति।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन पर शोक जताया है। सीएम योगी ने ट्वीट कर कहा, उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री एवं लखनऊ (पूर्व) के विधायक आशुतोष टंडन ‘गोपालजी’ का निधन अत्यंत दुःखद है। एक जनप्रिय, कर्मठ, जुझारू राजनेता के रूप में वे सदैव याद किए जाएंगे। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें.ॐ शांति! वो लगातारी तीन बार लखनऊ ईस्ट विधानसभा सीट से विधायक रहे थे। साल 2014 में उन्होंने सपा की प्रत्याशी जूही सिंह को हराया था वहीं दो बार सपा उम्मीदवार रहे अनुराग भदौरिया को भारी मतों के अंतर से हराया था।
आशुतोष टंडन के पिता लालजी टंडन 2009 में लखनऊ के सांसद चुने गए थे। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी यहां से चार बार सांसद रहे थे। अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस सीट से सांसद हैं। 2018 में लालजी टंटन को बिहार का राज्यपाल बनाया गया। इसके बाद उन्हें मध्य प्रदेश का भी राज्यपाल बनाया गया। 85 साल की उम्र में उनका निधन इसी मेदांता अस्पताल में 2020 में हुआ था।
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