वर्तमान की बिजी लाइफस्टाइल में दिल का दौरा पड़ने जैसी गंभीर समस्या बहुत आम हो गई। हाल ही में ऐसी कई सारी खबरें देखने और सुनने को मिली है, जहां लोगों को उठते-बैठते हार्ट अटैक आया और वो मृत्यु को प्राप्त हो गए। यहां तक कि जिम में कसरत करने के दौरान भी लोग हार्ट अटैक का शिकार हुए हैं। ऐसे में दिल के दौरे को लेकर लोगों के मन डर काफी हद तक बढ़ चुका है, ऐसी स्थिति में जागरूकता बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है।
अटैक पड़ने पर सर्वप्रथम तो आपको एंबुलेंस या मेडिकल ट्रीटमेंट लेने का प्रयास करना चाहिए।
एंबुलेंस मिलने से पहले पीड़ित व्यक्ति को आरामदायक स्थिति में लाने का प्रयास करें। इसके लिए उसे किसी समतल जगह पर लिटा दें।
इन हालातों में पीड़ित शख्स के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन मिलना अहम है, इसलिए एसी, कूलर या पंखे के सामने व्यक्ति को लिटाएं। यदि पीड़ित ने टाइट कपड़े पहन रखे हैं तो पहले कपड़ों को ढ़ीला कर उसे सहज महसूस कराएं।
दौरे के दौरान जिस्म में खून और ऑक्सीजन का संचार थम जाता है। ऐसे में सीपीआर के जरिए सीने को दबाकर जिस्म में रक्त के प्रवाह को सामान्य बनाए रखने का प्रयास किया जाता है।
सीपीआर के लिए एक मिनट में दोनों हाथों को जोड़कर हथेलियों के सहारे लगभग 100-120 बार छाती को दबाया जाता है। पर ध्यान रखें कि बहुत तेजी से प्रेशर नहीं डालना है।
ध्यान रहे कि सीपीआर हार्ट अटैक का ट्रीटमेंट नहीं है,बल्कि ये एक उपाय है जिसके जरिए कृत्रिम रूप से शरीर में रक्त के संचार को सामान्य बनाने की कोशिश की जाती है।
सीपीआर के बाद जितना मुमकिन हो सके मरीज को मेडिकल ट्रीटमेंट मिलना अहम है, ताकी मौत और दूसरे जोखिम से बचाव हो सके।
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