टीम इंडिया बारह जुलाई से वेस्टइंडीज दौरे पर दो टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच खेलेगी। जिसमें रहाणे को टीम इंडिया में उपकप्तान के लिए चुना गया है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि इस फैसले से सौरव गांगुली खुश नहीं है।
आखिर रहाने का उपकप्तान बनना सौरव गांगुली को समझ नहीं आ रहा है। अगर बात करें उनके प्रदर्शन की तो उनका अच्छा प्रदर्शन देखने को मिला।
वही डब्ल्यूटीसी फाइनल मुकाबले के लिए लगभग अठारह महीने के बाद अजिंक्य रहाणे कि टीम में वापसी देखने को मिली थी।
रहाणे ने सभी को प्रभावित करते हुए नवासी और छियालीस रनों की बेहतरीन पारियां खेली थी। उसके बावजूद भी अगर उनकी कप्तानी पर सवाल उठाए जा रहे हैं तो आखिरकार क्या ही हो सकता है।
आपको बता दें पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने पीटीआई को दिए बयान में कहा है कि रहाने अठारह महीने तक टीम से बाहर रहे हैं।
उसके बाद भी मैच खेलने का मौका मिला और उसके बाद उस कप्तान बना दिया जाता है। मैं इस फैसले के पीछे की सोच को नहीं समझ पा रहा हूँ। अगर देखा जाए तो भारतीय टीम के पास रविन्द्र जडेजा के रूप में एक शानदार विकल्प मौजूद था।
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