PM नरेंद्र मोदी ने तीन नये कृषि कानूनों को लेकर हो रहे आंदोलन के लिए कांग्रेस एवं तृणमूल कांग्रेस पर जमकर निशाना साधते हुये कहा कि कई दल इस मुद्दे पर दोगली नीति ले कर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में किसानों का अहित करने वाले दल दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन कर रहे हैं। जबकि महज तस्वीरों के लिए दिल्ली में प्रदर्शन करने वालों को केरल में भी एपीएमसी लागू करानी चाहिए।
मोदी का इशारा सीधे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केरल के वायनाड से सांसद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और वामदलों की ओर था। उन्होंने विपक्षी दलों पर हमला जारी रखते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल जिन्हें देश की जनता ने लोकतांत्रिक तरीके से नकार दिया है, वो आज कुछ किसानों को गुमराह करने में जुटे हैं और सरकार की तरफ से अनेक प्रयासों के बावजूद भी किसी न किसी राजनीतिक कारण से ये किसानों के साथ चर्चा सफल नहीं होने दे रहे हैं।
इस अवसर पर PM ने कहा कि मुझे आज इस बात का अफसोस है कि पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को पीएम किसान कल्याण निधि योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। बंगाल के 23 लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं। लेकिन राज्य सरकार ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को इतने लंबे समय से रोक रखा है। उन्होंने सूबे में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि स्वार्थ की राजनीति करने वालों को जनता बहुत बारीकी से देख रही है।
मोदी ने कहा कि आप ममता जी के 15 साल पुराने भाषण सुनेंगे तो पता चलेगा कि इस (वामपंथी) विचारधारा ने बंगाल को कितना बर्बाद कर दिया था। उन्होंने वामदलों और कांग्रेस से सवाल किया कि दिल्ली में फोटो निकालने के कार्यक्रम करते हो, केरल में आंदोलन करके वहां तो एपीएमसी चालू क्यों नहीं कराते। मोदी ने कहा कि पंजाब के किसानों को गुमराह करने के लिए इन विपक्षी दलों के पास समय है, केरल में यह व्यवस्था शुरू कराने के लिए उनके पास वक्त नहीं है। क्यों ये लोग दोगली नीति लेकर चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि किसानों के नाम पर अपने झंडे लेकर जो खेल खेल रहे हैं, अब उनको सच सुनना पड़ेगा। ये लोग अखबार और मीडिया में जगह बनाकर, राजनीतिक मैदान में खुद के जिंदा रहने की जड़ी-बूटी खोज रहे हैं। ये वही लोग हैं जो वर्षों तक सत्ता में रहें। इनकी नीतियों की वजह से देश की कृषि और किसान का उतना विकास नहीं हो पाया जितना उसमें सामर्थ्य था। पहले की सरकारों की नीतियों की वजह से सबसे ज्यादा बर्बाद छोटा किसान हुआ।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने लंबे समय से लटकी स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, लागत का डेढ़ गुना एमएसपी किसानों को दिया। पहले कुछ ही फसलों पर एमएसपी मिलती थी, हमने उनकी भी संख्या बढ़ाई। इन कृषि सुधार के जरिए हमने किसानों को बेहतर विकल्प दिए हैं। इन कानूनों के बाद किसान जहां चाहें जिसे चाहें अपनी उपज बेच सकते हैं। उनको जहां सही दाम मिले वहां पर उपज बेच सकते हैं। वे न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर अपनी उपज बेचना चाहते हैं? उसे बेच सकते हैं। मंडी में अपनी उपज बेचना चाहते हैं? वहां बेच सकते हैं।
PM ने कहा कि किसान अपनी उपज का निर्यात करना चाहते हैं तो निर्यात कर सकते हैं। उसे व्यापारी को बेचना चाहते हैं तो भी बेच सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमने इस लक्ष्य पर भी काम किया की देश के किसान के पास खेत में सिंचाई की पर्याप्त सुविधा हो। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार दशकों पुरानी सिंचाई योजनाओं को पूरा करने के साथ ही देशभर में ‘पर ड्रॉप-मोर क्रॉप’ के मंत्र के साथ माइक्रो इरीगेशन को भी बढ़ावा दे रही है।
PM ने कहा कि देश के किसान को इतने अधिकार मिल रहे हैं तो इसमें गलत क्या है? अगर किसानों को अपनी उपज बेचने का विकल्प ऑनलाइन माध्यम से पूरे साल और कहीं भी मिल रहा है तो इसमें गलत क्या है? बीते कुछ महीनों में करीब 2.5 करोड़ छोटे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ा गया है। हम मछली पालकों, पशुपालकों को भी अब किसान क्रेडिट कार्ड दे रहे हैं।
मोदी ने कहा आज नए कृषि सुधारों को लेकर असंख्य झूठ फैलाए जा रह हैं। कुछ लोग किसानों के बीच भ्रम फैला रहे हैं कि एमएसपी समाप्त की जा रही है। कुछ लोग अफवाहें फैला रहे हैं कि मंडियों को बंद कर दिया जाएगा। ये सरासर झूठ है। उन्होंने कि सरकार किसान के साथ हर कदम पर खड़ी है। किसान चाहे जिसे अपनी उपज बेचना चाहे, सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि एक मजबूत कानून किसानों के पक्ष में खड़ा रहे।