राम मंदिर भूमि पूजन पर बंगाल में लॉकडाउन को लेकर ममता के खिलाफ बढ़ रहा गुस्सा, इस परिवार ने भी लगाया आरोप

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कोलकाता, 04 अगस्त । भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य राम मंदिर की आधारशिला रखने का कार्यक्रम 05 अगस्त को आयोजित किया गया है। सैकड़ों सालों से अनगिनत आंदोलनों और हजारों लोगों की कुर्बानी के बाद आखिरकार भव्य राम मंदिर निर्माण का सपना पूरा होने जा रहा है। इसलिए पूरे देश में हिंदू समुदाय के बीच खुशी का माहौल है।

उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में दीपावली मनाई जाएगी। लोगों ने अपने अपने घरों पर दिए जलाने और शंख बजाने का निर्णय लिया है लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार ने वहां के निवासियों की मुश्किलें लॉकडाउन लागू कर बढ़ा दी है। दरअसल पश्चिम बंगाल में 31 अगस्त तक लॉकडाउन घोषित है।

राम कुमार कोठारी के परिवार ने भी लगाया ये आरोप

उसमें से सप्ताह के कई ऐसे दिन हैं जिस दिन संपूर्ण लॉक डाउन रहेगा। यानी लोग बिना वजह घर से बाहर पैर नहीं रख सकेंगे और ना ही भीड़ एकत्रित की जा सकेगी। उन तारीखों में पांच अगस्त भी शामिल है। इसके पहले दो अगस्त को ही लॉकडाउन था लेकिन उस दिन ईद होने की वजह से ममता सरकार ने लॉकडाउन का निर्णय वापस ले लिया था। जबकि पांच अगस्त को भूमि पूजा के मौके पर जब पूरे देश के साथ-साथ बंगाल के भी विभिन्न हिस्से में उत्सव मनाया जाएगा, तब लाख अर्जी के बावजूद ममता सरकार अड़ियल है और इस लॉकडाउन को वापस नहीं ले रही। इसलिए लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है।

सोशल साइट पर ममता बनर्जी को लेकर लोग लगातार ट्वीट कर रहे हैं और सीएम के इस बर्ताव को लेकर तमाम तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी तो पहले ही कह चुकी है कि एक खास समुदाय को खुश करने के लिए ही ममता सरकार ने बहुसंख्यक हिंदुओं के इस बहुप्रतीक्षित उत्सव पर पाबंदियां लगा दी है। इसके साथ राम मंदिर आंदोलन में मारे गए  हुए राम कुमार कोठारी और शरद कुमार कोठारी के परिजनों ने भी ममता सरकार के इस रवैए को लेकर नाराजगी जताई है।

कोठारी बंधुओं की बहन पूर्णिमा कोठारी ने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार को सोचना चाहिए कि राम मंदिर के निर्माण का सपना कई पीढ़ियों का था और पूरा हो रहा है। इसलिए लोगों को उत्सव मनाने का अधिकार है। इसमें प्रशासनिक लगाम लगाने की जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी नियमों को मानेंगे और उत्सव मनाएंगे। बंगाल सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए।

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