रामायण समागम : कब से कब तक और कहां-कहां ?

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अयोध्या। भगवान राम की नगरी से शुरू होकर प्रदेश के 17 जिलों में 65 दिनों तक चलने वाले रामायण कॉन्क्लेव का समापन भी 1 नवंबर को अयोध्या में ही होगा। रविवार को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रामकथा पार्क में दीप जलाकर इसका उद्घाटन किया था। रामायण कॉन्क्लेव में राम की कथा, लोक संगीत, नाटक, रामायण गान के जरिए राम की गाथा का प्रचार-प्रसार किया जाना है।

President Ram Nath Kovind

रामायण कॉन्क्लेव अयोध्या से गोरखपुर, बलिया, वाराणसी, चित्रकूट, गढमुक्तेश्वर, गाजियाबाद, मथुरा, सहारनपुर, बरेली समेत 17 जिलों में आयोजित होगा। रामायण कॉन्क्लेव के उद्घाटन पर पहुंचे राष्ट्रपति का रामकथा पार्क में भव्य अभिनंदन किया गया। जन-जन के राम…थीम पर आधारित ध्वनि व वैदिक मंत्रोच्चारों के मध्य राष्ट्रपति का भव्य स्वागत किया गया।

पार्श्व में बज रही श्रीराम, जय जय राम, सियाराम जय-जय राम का संगीत पूरे माहौल को भक्तिमय करता नजर आ रहा था। इसके बाद भगवान श्रीराम पर आधारित तीन मिनट की लघु फिल्म का भी प्रदर्शन राष्ट्रपति के समक्ष किया गया। जिसमें अयोध्या की महिमा व रामायण कॉन्क्लेव के उद्देश्यों को प्रदर्शित किया गया।

इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति को रामदरबार व रामनामी भेंटकर स्वागत किया। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने देश की प्रथम लेडी सरिता कोविंद को बनारसी साड़ी भेंटकर उनका सत्कार किया। पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने शबरी प्रसंग पर पांच मिनट के रामायण गान शबरी देखि राम गृह आए, मुनि के बचन समुझ जिए भाए…आज बसो शबरी घर राम…की प्रस्तुति देकर पूरे माहौल को राममय बना दिया। राष्ट्रपति ने मालिनी अवस्थी की प्रस्तुति की सराहना भी की।

इसके बाद तीन मिनट के वीडियो में अयोध्या के पौराणिक स्थलों की जानकारी दी गई। वीडियो की शुरूआत कस्तूरी कुंडलि बसै मृग ढूंढे मन माहिं..प्रसंग से हुई। इस वीडियो में हनुमानगढ़ी, कनभवन, तुलसी स्मारक, मणिपर्वत, नागेश्वरनाथ, दशरथ महल सहित कई प्राचीन मंदिर का जिक्र करते हुए इसकी पौराणिकता की जानकारी दी गई।

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