नई दिल्ली॥ एक सरकारी मदद प्राप्त स्कूल ने कथित रूप से एक बच्चे को ये कहते हुए एडमिशन देने से मना कर दिया कि उसके मां-बाप ने प्रवेश प्रक्रिया के दौरान जाति और धर्म के विवरण नहीं भरे थे। इस संदर्भ में शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
सेन्ट मैरी हायर सेकेन्डरी स्कूल, पेटोम में अपने बेटे के दाखिले के लिए नजीम और धन्या ने कहा कि वे अपने बच्चे को बिना किसी धार्मिक सीमा के साथ पालना चाहते हैं। यही कारण है कि उन्होंने धर्म और जाति के विवरण को नहीं भरा। नजीम और धन्या ने आगे कहा कि 19 फरवरी को, जब हम पहली कक्षा में दाखिले के लिए अपने बच्चे की एडमिशन प्रोसेस के लिए स्कूल पहुंचे, तो हमसे पूछा गया कि हमने कॉलम क्यों खाली छोड़ दिए हैं। जब हमने उन्हें अपनी बात बताई तो स्कूल प्रबंधन इस बात पर अड़ा था कि यदि हम धर्म का कॉलम भरते है तभी हमारे बच्चे को दाखिला किया जाएगा।
बच्चे के परिजनों ने बताया कि सबसे पहले, हमें बताया गया कि प्रवेश प्रक्रिया सम्पूर्णा नामक एक ऐप के माध्यम से होती है जिसमें स्कूल के अफसर कॉलम को खाली नहीं छोड़ सकते हैं। बच्चे की मां ने कहा कि शिक्षा विभाग ने उन्हें बताया है कि कॉलम को खाली छोड़ने के बारे में कोई तकनीकी परेशानी नहीं है।
जब हमने इसे स्कूल के अफसरों को बताया तो उन्होंने हमें बताया कि यदि वे कॉलम नहीं भरना चाहते हैं तो हम लिखित में एक शपथ पत्र देंगे कि वे बच्चे को एडमिशन देंगे। हम ऐसा नहीं करना चाहते थे इसलिए हमने ऑप्ट-आउट करना चुना। इस पूरे मामले पर स्कूल प्रबंधन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह का अवांछित विवाद हो रहा है।