पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) ऋषि अग्रवाल सोमवार को एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा कथित रूप से किए गए 22,842 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी में भारी दस्तावेजों के साथ जांच में शामिल होने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मुख्यालय पहुंचे।
बीते सप्ताह सीबीआई ने इस मामले में ऋषि अग्रवाल से पूछताछ की थी। ABG शिपयार्ड केस को भारत का सबसे बड़ा बैंक फ्रॉड बताया जा रहा है।
ऋषि अग्रवाल के साथ एडवोकेट विजय अग्रवाल की कानूनी टीम सीबीआई मुख्यालय गई थी। एडवोकेट विजय अग्रवाल 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले, आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन मामले, यस बैंक के राणा कपूर मामले आदि को संभालने के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं।
हाल ही में सीबीआई ने एक बयान में कहा कि आरोपी भारत में स्थित हैं। SBI ने भी 2019 में मुख्य आरोपी के विरूद्ध एलओसी खोली थी। भारतीय स्टेट बैंक सहित 28 बैंकों पर इसका कर्ज बकाया है। सीबीआई ने कहा कि मौजूदा मामले में, बड़ी मात्रा में संवितरण के साथ कंसोर्टियम में 28 बैंक शामिल हैं। सीसी ऋण, सावधि ऋण, साख पत्र, बैंक गारंटी आदि सहित बैंक ऋणों की विभिन्न प्रकृति थी, जो बैंकों द्वारा अग्रिम के रूप में दिए गए थे।
सीबीआई के अनुसार, कंपनी मेसर्स एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड, ऋषि कमलेश अग्रवाल, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, और गारंटर के विरूद्ध डीजीएम, भारतीय स्टेट बैंक, एसएएम शाखा, मुंबई से 25 अगस्त 2020 को एक लिखित शिकायत मिली है। फिलहाल मामले की जांच जारी है।