उत्तराखंड के इस जिले में श्मशान घाटों पर जगह पड़ी कम, मौत के खौफ से परिजन भी नहीं आ रहे शव लेने

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ऋषिकेश॥ जनपद ऋषिकेश में कोरोना के साथ सामान्य बीमारियों से हो रही मौतों का आंकड़ा निरंतर बढ़ रहा है। इस कारण श्मशान घाटों पर जगह कम पड़ी जा रही है। मृतक के परिजनों को भी अंतिम संस्कार के लिए कम से कम 24 घंटे का समय लेना पड़ रहा है।

Cremation grounds

चंद्रेश्वर नगर के श्मशान घाट संचालक अनिल किंगर ने बताया कि पिछले एक पखवाड़े से चंद्रेश्वर नगर श्मशान घाट पर कोविड-19 सहित सामान्य मृतकों की संख्या में बहुत इजाफा हुआ है। इस कारण श्मशान घाट पर जगह के अभाव में मृतक के परिजनों को कुछ समय के लिए रोका जा रहा है।

उन्होंने बताया कि ऋषिकेश एम्स व स्थानीय प्रशासन द्वारा कोविड से हो रही मौतों को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से शाम 5 बजे के बाद दाह संस्कार किए जाने की कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए अनुमति दी गई है। इसके अंतर्गत श्मशान घाट पर 15 से 20 लोगों के जाने की ही इजाजत है।

उनका कहना था कि कोविड-19 के मृतक के परिजन तथा उसे लाने वाले एंबुलेंस के चालक के पास एम्स की पर्ची का होना अनिवार्य है। यह इसलिए किया गया है क्योंकि सामान्य तौर पर देखने में आया है कि कोविड मरीज के शव को एंबुलेंस के चालक लावारिस हालत में छोड़ कर चले जाते हैं, जिनके दाह संस्कार में परेशानी आ रही थी।

उन्होंने यह भी बताया कि उनके पास श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार करवाने वाले महापंडितों के अतिरिक्त अन्य कर्मचारियों का भी अभाव है। एक महापंडित पिछले दिनों कोविड की चपेट में आ गया था। जिसे देखते हुए उनके द्वारा कुछ कर्मचारी अस्थाई तौर पर रखे गए हैं। इस समय उनके पास 10 से 15 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें तीन-चार परमानेंट हैं। उन्होंने बताया कि कोविड से मौत को देखते हुए उनके परिजन भी नहीं आ रहे हैं।

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