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देशभर में अब कैंसर का निदान जल्दी और कम लागत पर संभव हो सकेगा। कैंसर है या नहीं इसका पता लगाने के लिए प्रयोगशाला में कम से कम 50 हजार रुपये के फ्लोरोसेंट फिल्टर की मदद से परीक्षण किया गया। हालांकि, अब इसके लिए 10 रुपये का ग्रीन फ्लोरोसेंट फिल्टर इस्तेमाल किया जाएगा। इससे लाखों मरीजों की जान बचाने में मदद मिलेगी.

इन बीमारी का भी पता चल जाएगा

एक हरा फ्लोरोसेंट फ़िल्टर कोशिकाओं में विशिष्ट प्रोटीन दिखाता है। इस फिल्टर की मदद से उन कोशिकाओं का पता लगाना भी संभव होगा जो आनुवांशिक बीमारियों, बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण का कारण बनते हैं।

आख़िर कितना पैसा बचेगा?

इस नई जांच से मरीजों को मौजूदा लागत का सिर्फ 10 से 15 फीसदी ही खर्च करना पड़ेगा. बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी (बीयू) में हुए शोध से यह संभव हुआ है।

इस महत्वपूर्ण शोध को पेटेंट भी मिल चुका है. अब यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि कैंसर कोशिकाएं किस चरण में हैं, उनकी वर्तमान स्थिति क्या है और वे शरीर के किस हिस्से में जा रही हैं।

कीमत कम क्यों?

इस फिल्टर की कीमत बहुत कम है. विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. रेखा खंडिया ने कहा कि बाजार में ग्रीन फ्लोरोसेंट फिल्टर भी उपलब्ध हैं। इनकी कीमत जहां 45 से 50 हजार रुपये के आसपास होती है, वहीं यह नया फिल्टर महज 10 रुपये में उपलब्ध होगा। इसलिए मरीजों का खर्च काफी हद तक बच जाएगा.
 

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