पंजाब में नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि आगामी लोकसभा इलेक्शनों में उनकी पार्टी राज्य की सभी 13 संसदीय सीटों पर अकेले इलेक्शन लड़ेगी और सत्ताधारी आम आदमी पार्टी से कोई समझौता नहीं होगा। बाजवा का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों पार्टियां एकजुट होकर संसद में केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और उसके गठबंधन NDA से मुकाबला कर रही है।
कांग्रेस ने इसी हफ्ते संसद में दिल्ली सर्विस बिल का विरोध कर आम आदमी पार्टी को सहयोग किया था। हालांकि यह बिल संसद से पारित हो गया। पटियाला की एक सभा जहां बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए मुआवजे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था, उसे संबोधित करते हुए बाजवा ने स्पष्ट किया कि भारतीय जनता पार्टी के विरूद्ध राष्ट्रीय स्तर पर आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस की भागीदारी विभिन्न राज्यों में राज्यपालों और उपराज्यपालों से संबंधित मुद्दों तक सीमित थी।
कांग्रेस पंजाब के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ जो पंजाब भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष हैं, उन्हें चुनौती देते हुए बाजवा ने उनसे यह स्पष्ट करने का आग्रह किया कि क्या उनके भतीजे और कांग्रेस विधायक संदीप जाखड़ कांग्रेस में ही रहेंगे या भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे।
बता दें कि कई राज्य इकाई खासकर पंजाब और दिल्ली कांग्रेस इकाई के विरोध के बावजूद कांग्रेस ने दिल्ली सर्विस बिल के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का फैसला राष्ट्रीय स्तर पर किया था, ताकि विपक्षी एकता में दरार न आ सके। लेकिन बाजवा के बयान से साफ होता है कि विपक्षी गठबंधन इंडिया में विभिन्न दलों के बीच जमीनी स्तर पर अभी भी अंदरूनी गांठ बरकरार है, जो 2024 के लोकसभा इलेक्शनों में उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
--Advertisement--