भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा सीतापुर जिले का सकरन ब्लाक, भुगतान भी हो गया पर कैटलशेड नहीं बना, ऐसे हो रहा मनरेगा के तहत काम

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लखनऊ। mahatma gandhi national rural employment guarantee act के तहत हो रहे काम में नियम कानूनों को दरकिनार कर जिम्मेदार अपनी जेबें भर रहे हैं। ताजा उदाहरण सीतापुर जिले के सकरन ब्लाक का है। यहां एक कैडलशेड का निर्माण होना था। काफी समय बीत जाने के बाद जब निर्माण कार्य जमीन पर नहीं उतरा तो स्थानीय लोगों ने इसका खोजबीन शुरू की। पता चला कि कैटलशेड निर्माण के लिए आए धन का भुगतान हो चुका है। पर काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है।

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शिकायत की तो हुआ खुलासा

ग्राम पंचातय रेवान के राजेन्द्र कुमार ने जब कैटेलशेड का कार्य बिना शुरू किए मजदूरी निकाल लेने की शिकायत की तो पूरे अनियमितता का खुलासा हुआ। आनलाइन की गयी शिकायत के जवाब में ग्राम विकास अधिकारी विकास तिवारी ने अवगत कराया कि पूर्व ग्राम विकास अधिकारी प्रदीप चौधरी और रोजगार सेवक द्वारा मजदूरी का भुगतान कराया गया है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि अभी काम अनारम्भ है यानि काम भी शुरू ही नहीं हो सका है।

पहली शिकायत में बताया काम क्यों नहीं शुरू हुआ, दोबारा भेजी रिपोर्ट में खुला खेल

मजे की बात यह है कि 12 अक्टूबर 2020 की रिपोर्ट में सचिव ग्राम पंचायत विकास तिवारी ने अवगत कराया है कि कैटल शेड का निर्माण सामग्री का भुगतान न होने के कारण कार्य शुरू नहीं किया जा सका। जबकि 18 दिसम्बर 2020 को दी गयी रिपोर्ट में अवगत कराया है कि पूर्व ग्राम पंचायत अधिकारी प्रदीप चौधरी और ग्राम रोजगार सेवक द्वारा मजदूरी का भुगतान कराया गया है।

सूत्रों की माने तो ग्राम पंचातय रेवान के कैटेलशेड का ये एकलौता मामला नहीं है जहाँ भुगतान हो जाने के बाद भी काम नहीं हुआ, बल्कि इस तरह के कई प्रकरण हैं जिनमें कार्य बिना शुरू किए मजदूरी निकाल लेने की शिकायत है। शिकायत होने के बावजूद कार्रवाई न होने की वजह से भ्रष्टाचार में लिप्त इन कर्मियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। विकास खंड सकरन के खंड विकास अधिकारी से जब इस बाबत जानकारी ली गयी तो उन्होंने मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई की बात कही है।

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