मराठा रिजर्वेशन पर SC ने लगाया रोक, सीएम उद्धव ने की हाईलेवल मीटिंग

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महाराष्ट्र, 11 ,सितम्बर, यूपी किरण। मराठा रिजर्वेशन पर उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक लगाये जैने  के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को उच्च स्तरीय बैठक की। उच्चतम न्यायालय ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठाओं के लिये आरक्षण का प्रावधान करने संबंधी महाराष्ट्र सरकार के 2018 के कानून के अमल पर बुधवार को रोक लगा दी थी।

उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने मराठा रिजर्वेशन  मामले को अब बड़ी बेंच को सौंप दिया है। जिसका गठन चीफ जस्टिस करेंगे। उच्चतम न्यायालय में महाराष्ट्र में शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के लिये रिजर्वेशन की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हो रही थी।
जस्टिस हेमंत गुप्ता, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एस रवीन्द्र भट की बेंच ने मामला बड़ी बेंच को भेजते हुए कहा कि जो लोग 2018 के कानून का  लाभ उठा चुके हैं उनकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जायेगा।
अब इस मामले में बड़ी बेंच इस प्रश्न पर विचार करेगी कि क्या सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण 1992 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई 50 फीसदी आरक्षण की सीमा से अधिक हो सकता है?

इससे पहले 1992 में इन्दिरा साहनी मामले में सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की बेंच के फैसले के बाद आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी कर दिया गया था। इस फैसले के मुताबिक सरकार 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं दे सकती।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिये शिक्षा और रोजगार में आरक्षण कानून, 2018 में बनाया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले साल जून में इस कानून को वैध ठहराते हुये कहा था कि 16 प्रतिशत आरक्षण न्यायोचित नहीं है और इसकी जगह रोजगार में 12 और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के मामलों में 13 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं होना चाहिए।

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