कोविड आपदा के मध्य इंदौर रहवासी जयसिंह जैन ने इंसानियत की मिसाल कायम करते हुए अपने बावर्ची के इलाज पर पूरे साढ़े ग्यारह लाख रुपए खर्च कर दिए। दरअसल उनके बावर्ची को कोरोना हो गया था। वायरस से उसकी स्थिति गंभीर हुई लेकिन जयसिंह ने अपने रसोइए को इलाज की सभी सुविधाएं दी।
उसी का नतीजा है कि अब बावर्ची मौत के मुंह से निकल सका तथा वह अब पूरी तरह से स्वस्थ है। बता दें कि संजय नामक युवक पिछले एक वर्ष से इंदौर रहवासी उद्योगपति जयसिंह जैन के घर बतौर बावर्ची काम कर रहा था।
कोरोना की दूसरी लहर में संजय अपने गांव चला गया। वहीं पर बीती 24 अप्रैल को वो वायरस की चपेट में आ गया। इस पर संजय के मालिक जयसिंह जैन ने वाहन भेजकर उसे इंदौर बुलवाया तथा यहां एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया। मिली सूचना के अनुसार जब संजय को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तब उसकी स्थिति बहुत गंभीर थी तथा उसके फेफड़ों में 70 % से ज्यादा संक्रमण हो गया था।
इस के चलते संजय को रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए गए। जब कोविड-19 संक्रमण ठीक होने लगा तो ब्लैक फंगस ने उसे घेर लिया। जिसके पश्चात् ब्लैक फंगस को खत्म करने के लिए भी संजय को एम्फोटेरिसिन बी के 20 इंजेक्शन लगाए गए। संजय 31 दिन तक अस्पताल में एडमिट रहा।
इस के चलते अस्पताल का बिल, दवाईयों, टेस्ट और टीके का पूरा बिल 11.50 लाख बना। जिसे उसके मालिक ने चुकाया। उसके मालिक ने बताया कि उन्हें इलाज में खर्च होने वाले पैसों की चिंता नहीं थी। सिर्फ ये चाहते थे कि संजय स्वस्थ हो जाए। वहीं संजय ने बताया है कि मालिक ने ही मेरे लिए सबकुछ किया। इलाज का सारा खर्च उठाया। मैं ये कभी नहीं भूल सकता।